RBI के नए नियम से आपकी जेब पर बढ़ेगा बोझ, ATM से कैश निकालना हो सकता है महंगा
नई दिल्ली। हाल ही एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें कहा गया कि देशभर में आधे ये ज्यादा ATM बंद हो सकते हैं। एटीएम की देखरेख करने वाली संस्था कॉन्फिडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री (CATMi) ने एटीएम पर आने वाले खर्च में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए कहा कि देशभर में 1.3 लाख एटीएम मार्च तक बंद हो सकते हैं। संस्था ने RBI की नई गाइडलाइंस का हवाला देते हुए कहा कि नए नियमों की वजह से एटीएम को चलाने में आने वाला खर्च बढ़ रहा है, ऐसे में अगर बैंक इस खर्च को एटीएम कंपनियों के साथ साझा करने के लिए तैयार नहीं होते तो देश के आधे एटीएम बंद करने पड़ेंगे। आपको बता दें कि एटीएम कंपनियों के बाद बैंकों ने मुफ्त सेवाओं को बंद करने के संकेत दिए हैं। ATM की फ्री सर्विस के साथ-साथ लॉकर विजिट समेत तमाम मुफ्त सेवाओं में कटौती के संकेत दिए जा रहे हैं।
ATM से कैश निकालने पर लग सकता है चार्ज
NPA के दबाव से जूझ रहे बैंक फ्री सेवाओं को खत्म करने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि आने वाले महीनों में बैंक ATM से कैश विड्राल, लॉकर विजिट समेत अपनी तमाम फ्री सेवाओं में कटौती कर सकता है। बैंकों की ओर से बिना किसी शुल्क के मिलने वाली इन सर्विसेज के लिए राजस्व विभाग की ओर से बैंकों से 40 हजार करोड़ रुपए का सर्विस टैक्स मांगा गया है। बैंकों ने राजस्व विभाग और वित्त सेवा विभाग से इन सेवाओं पर लगने वाले कर में छूट की मांग की थी। हालांकि अब ये मामला वित्त मंत्रालय पहुंच चुका है और अब इसके लिए विशेष बैठक बुलाई गई है।
मुफ्त सेवाओं पर टैक्स
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राजस्व विभाग की ओर से बैंकों को सेवाओं पर सर्विस टैक्स जमा करने का नोटिस भेजा गया। ये टैक्स उन सेवाओं पर लगाए गए थे, जिनमें से अधिकांश सेवाएं बैंक अपने ग्राहकों को मुफ्त में देता है। राजस्व विभाग की ओर से फ्री सेवाओं पर टैक्स न जमा करने पर बैंकों पर 12 फीसदी सर्विस टैक्स के साथ-साथ 18 फीसदी का ब्याज और 100 फीसदी जुर्माना लगा कर नोटिस भेज दिया गया। इस नोटिस के बाद अब मामला सरकार के पास पहुंच गया है।
आपकी जेब पर पड़ सकता है असर
माना जा रहा है कि अगर इस मसले पर अगर समझौता नहीं हुआ और बैंकों को फ्री सर्विसेज पर टैक्स चुकाना पड़ा तो बैंक अपनी ओर से मुफ्त में दी जाने वाली सेवाओं को बंद कर सकते हैं। जिसमें ATM से कैश निकालने की सेवा, चेकबुक की सेवा, कैश जमा करने की सेवा, लॉकर विजिट सर्विस, बैंक खाते के रखरखाब और सरकारी जन धन योजना पर भी शुल्क देना पड़ सकता है। हालांकि बैंकों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार ने उन्हें राहत मिलेगी।