ज़रा संभलकर निकलें! Delhi-NCR में न कैब मिलेगी न ही ऑटो, स्कूल भी बंद, जानिए 10 बड़ी बातें
ज़रा संभलकर निकलें! Delhi-NCR में न कैब मिलेगी न ही ऑटो, स्कूल भी बंद, जानिए 10 बड़ी बातें
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नई दिल्ली । दिल्ली-एनसीआर में अगर आप आज घर से काम पर जाने के लिए निकल रहे हैं तो जरा संभल जाएं। आज आपको ऑफिस पहुंचने में देर हो सकती है। आपको आज न कैब मिलेगी और न ही ऑटो। दरअसल नए मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर भारी-भरकम चालानों के विरोध में ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन ने आज हड़ताल बुलाई है। आइए जानें इस हड़ताल को लेकर 10 बातें.
1.
आज
दिल्ली-एनसीआर
में
सार्वजनिक
वाहन
नहीं
चलेंगे।
51
संगठनों
ने
इस
हड़ताल
में
शामिल
होने
की
घोषणा
की
है।
2.
इस
हड़ताल
में
स्कूल
बसें
और
कैब
भी
शामिल
हैं।
जिसकी
वजह
से
कई
स्कूलों
भी
आज
बंद
है।
स्कूल
बस
और
स्कूल
कैब
संचालकों
ने
भी
हड़ताल
में
शामिल
होने
का
ऐलान
किया
है।
सरकारी
स्कूलों
के
बारे
में
अभी
दिल्ली
सरकार
ने
या
किसी
और
अथॉरिटी
ने
कोई
घोषणा
नहीं
की
है।
यह
हड़ताल
सुबह
6
बजे
से
रात
के
10
बजे
तक
होगी।
3. कई स्कूलों ने अभिभावकों को संदेश भेजकर जानकारी दी कि हड़ताल के चलते स्कूल को बंद रखने का फैसला किया गया है।दिल्ली के अलावा एनसीआर में आने वाले- गाजियाबाद, गुरुग्राम (गुड़गांव) और नोएडा के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है।
4.
वहीं
आज
ऑटो,
ओला,
ऊबर
की
सर्विस
भी
प्रभावित
है।
5.
करीब
25
हजार
ट्रक,
35
हजार
ऑटो,
50
हजार
टैक्सी
और
कैब
हड़ताल
में
शामिल
है।
6. राजधानी दिल्ली में बढ़े हुए दामों के हिसाब से चालान काटे जा रहे हैं, जिसे लेकर यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने एक दिन की हड़ताल बुलाई है। इस हड़ताल की वजह से आम लोगों पर काफी प्रभाव पड़ा है। हड़ताल के दौरान गुरुवार को सुबह 6 बजे से प्राइवेट कैब, ऑटो, बस ,पर्यटक बसें और टैक्सी सेवाएं प्रभावित होंगी।
7. दरअसल 1 सितंबर से नए ट्रैफिक नियनों में बद लाव के बाद ट्रांसपोर्ट्स ने आज की हड़ताल बुलाई है। सरकार ने ट्रैफिक नियम तोड़ने पर लाखों रुपए का जुर्माना वसूला है।
8. नए नियम के तहत सीट बेल्ट न लगाने पर जुर्माना 1000 रुपए, रेड लाइट जंप पर 5000 रुपए का जुर्माना का प्रावधान है। वहीं शराब पीकर गाड़ी चलाने पर पहले अपराध के लिए 6 महीने की जेल और 10,000 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।
9. हड़ताल का असर दिल्ली-एनसीआर के मेट्रो पर बी पड़ने वाला है। मेट्रो में जरूरत से ज्यादा भीड़ रह सकती है। ट्रांसपोर्टर्स के दावे के मुताबिक, अगर कॉन्ट्रैक्ट कैरिज की बसें नहीं चलती हैं तो लोगों को अपने ऑफिस जाने के लिए मुश्किल होगी।
10. दिल्ली में 90 हजार से ज्यादा ऑटो और करीब 10 हजार काली-पीली टैक्सियां चलती हैं।आज हड़ताल की वजह से उन्होंने भी सर्विस बंद कर रखी है। ऑटो- टैक्सी की प्रमुख यूनियन इस हड़ताल के समर्थन में आ गई है और देखना होगा कि इन यूनियनों की अपील का कितना असर पड़ता है। दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महामंत्री राजेंद्र सोनी और ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा का कहना है कि दिल्ली में सभी रेलवे स्टेशनों की ऑटो-टैक्सी यूनियन और एयरपोर्ट की यूनियन भी इस हड़ताल में शामिल होंगी।