COVID-19 संकट के चलते बैंक नहीं करेंगे किसी लाभांश का भुगतान, RBI ने दी राहत
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप का असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। देशव्यापी लॉकडाउन के 23 दिन से ज्यादा का समय हो चुका है जिस वजह से भारत की जीडीपी रफ्तार सुस्त पड़ गई है। लॉकडाउन में भी जीडीपी की रफ्तार बनी रहे इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज कई बड़े फैसले लिए। शुक्रवार को ऋणदाताओं को छूट देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कहा कि कोरोना वायरस के पैदा हुई वित्तीय कठिनाइयों के मद्देनजर बैंकों को लाभांश भुगतान करने से छूट दी जाएगी। इसके साथ ही बैंक फिस्कल ईयर 2020 से अगले नोटिस तक डिविडेंड नहीं देंगे।
एक बयान में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, महामारी के प्रकोप के दौरान सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए बैंकों, वित्तीय संस्थानों ने विशेष तैयारी की हैं। वित्तीय क्षेत्र पर दबाव को कम करने के लिए शक्तिकांत दास ने कहा कि 90 दिनों का मानदंड बैंकों द्वारा मौजूदा ऋणों पर दी गई रोक पर लागू नहीं होगा। इसके अलावा उन्होंने वित्तीय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए बैंकों को कोरोना वायरस के चलते हुई वित्तीय कठिनाइयों के मद्देनजर किसी भी अन्य लाभांश का भुगतान करने की छूट दी है।
मुद्रास्फीति के मोर्चे पर उन्होंने कहा कि सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति मार्च में गिरावट आई है और इससे और अधिक गिरावट की उम्मीद है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक कोरोना संकट में आरबीआई गिरती कीमत की स्थिति का लाभ उठाएगा और उधारकर्ताओं इसका फायदा दिया जा सकता है। बता दें कि आरबीआई के इन फैसलों की तारीफ पीएम मोदी ने भी की है।
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'आज के आरबीआई के ऐलान देश में काफी अच्छी तरह लिक्विडिटी को बढ़ाएंगे और क्रेडिट सप्लाई में सुधार आएगा। ये कदम हमारे छोटे कारोबारों, एमएसएमई, किसानों और गरीबों को मदद करेंगे। इसके अलावा WMA (वेज एंड मींस एडवांस)सीमा बढ़ाने से हमारे सभी राज्यों को भी मदद मिल पाएगी।'
यह भी पढ़ें: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मोदी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही: अमित शाह