Study: वायु प्रदूषण से भारतीय व्यापार को हर साल हो रहा है 7 लाख करोड़ का नुकसान, GDP का लगभग 3% बर्बाद
Study: वायु प्रदूषण से भारतीय व्यापार को हर साल हो रहा है 7 लाख करोड़ का नुकसान, GDP का लगभग 3% बर्बाद
नई दिल्ली, 24 अप्रैल: देश में बढ़ता प्रदूषण खास कर वायु प्रदूषण बड़े स्तरों पर लोगों के स्वास्थ को नुकसान पहुंचा रहा है। लेकिन अब रिसर्च में खुलासा हुआ है कि वायु प्रदूषण सिर्फ आपके हेल्थ पर ही नहीं बल्कि भारतीय व्यापार के लिए भी बड़ा खतरा बनता जा रहा है। हाल ही जारी एक रिसर्च के मुताबिक वायु प्रदूषण के कारण हर साल भारतीय व्यवसायों को 95 बिलियन डॉलर यानी 7 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो रहा है। जो कि भारत की कुल सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी का लगभग 3 प्रतिशत है। रिसर्च में ये भी दावा किया गया है कि हर साल उपभोक्ता से जुड़े व्यवसायों को 22 बिलियन अमरीकी डॉलर के राजस्व का घाटा होता है। ये रिसर्च डलबर्ग एडवाइजर्स और उद्योग समूह सीआईआई द्वारा किया गया है।
जानिए रिसर्च में और क्या-क्या दावा किया गया है?
-रिसर्च में कहा गया है कि ये भारतीय व्यापार को होने वाले ये नुकसान सालाना टैक्स संग्रह 50 प्रतिशत के बराबर है और ये भारत के हेल्थ बजट का डेढ़ गुना है।
-रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि भारत का आईटी क्षेत्र, जो देश के जीडीपी में 9 फीसदी देता है, उसे वायु सहित अन्य प्रदूषण के कारण प्रोडक्टिविटी कम होने की वजह से हर साल 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत में प्रदूषण की यही स्थिति बनी रही तो यह आंकड़ा साल 2030 तक लगभग दोगुना हो सकता है
- रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर दिल्ली अपनी जहरीली हवा को साफ नहीं करती है तो तेजी से बढ़ते आईटी सेक्टर को हर साल 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा नुकसान हो सकता है।
-दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी है और दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों में से 35 शहर भारत के हैं। इससे पहले, 2020 में ग्रीनपीस दक्षिण पूर्व एशिया द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण लगभग 24,000 लोगों की जान चली गई थी। एक नए ऑनलाइन टूल पर आधारित रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण पिछले छह महीनों में दिल्ली को 26,230 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
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- रिसर्च में ये भी दावा किया गया है कि 2030 भारत उन देशों में शामिल हो जाएगा जहां समय से पहले डेथ रेट की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान उठाना पड़ता है।
- आर्थिक तौर पर देखा जाए तो कार्य-दिवसों के नुकसान के वजह से साल 2019 में भारत की अर्थव्यवस्था को 44 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान था।