7th Pay Commission: सिर्फ 60 फीसदी बढ़ेगा केन्द्रीय कर्मचारियों का वेतन, जानिए क्यों
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नई दिल्ली। नेशनल एनोमली कमेटी यानी एनएसी 9 अक्टूबर को एक बैठक करने वाली है। इस बैठक में यह फैसला किया जाएगा कि केन्द्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में कितनी बढ़ोत्तरी करनी है। केन्द्रीय कर्मचारी भी इस बैठक का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं ताकि उन्हें कोई खुशखबरी मिल सके। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार के लिए यही मौका है, जब उन्हें एक बड़ा फैसला करना है। केन्द्रीय कर्मचारियों के संघ और कर्नाटक राज्य के कर्मचारियों के संघ ने एक महत्वपूर्ण रिलीज जारी की है। इस रिलीज में कई महत्वपूर्ण बातें कही गई हैं। आपको बता दें कि सरकार 1 जनवरी 2018 से केन्द्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन बढ़ाने वाली है। केन्द्रीय कर्मचारी भी सरकार से पूरी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार उन्हें कोई खुशखबरी देगी। आइए जानते हैं कि इस रिलीज में क्या कहा गया है।
ये लिखा है रिलीज में
रिलीज में लिखा है कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार केन्द्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी करेगी और फिटमेंट फॉर्मूला को भी 2.57 गुना से बढ़ाकर 3 गुना कर देगी। कर्मचारियों की मांग यह है कि न्यूनतम वेतन को बढ़ाकर 26,000 रुपए किया जाए और साथ ही फिटमेंट फैक्टर को भी बढ़ाकर 3.56 किया जाए। रिलीज में यह भी लिखा है कि यह बढ़ोत्तरी 1 जनवरी 2016 से होनी चाहिए, ना कि जैसा खबरों में दिखाया जा रहा है कि इसे 1 जनवरी 2018 से लागू किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि केन्द्र सरकार के कुछ मंत्रियों ने न्यूनतम वेतन बढ़ाने पर 30 जून 2016 को ही अपनी सहमति दे दी थी। रिलीज में कहा गया है- हमें उम्मीद है कि केन्द्रीय मंत्रियों के कमिटमेंट की इज्जत की जाएगी।
जीडीपी का रखना होगा ध्यान
देश की आर्थिक स्थिति में भी तगड़ी गिरावट देखने को मिली है। 2015-16 में जो जीडीपी ग्रथ 9.1 फीसदी थी अब 2017-18 में वह 5.7 फीसदी पर आ गई है। ऐसे में कुछ इकोनॉमिक एक्टिविटी का होना बहुत जरूरी हो गया है। जीडीपी में गिरावट के बावजूद यह देखा गया है कि सरकार के राजस्व में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। देश आर्थिक हालत में बदलाव लाने के लिए यह जरूरी हो गया है कि केन्द्र सरकार अपने पास जमा पैसों को अब खर्च करे।
तो सिर्फ 60 फीसदी बढ़ेगा वेतन?
अगर केन्द्र सरकार न्यूनतम वेतन और फिटमेंट फॉर्मूला में बढ़ोत्तरी करती है तो केन्द्र सरकार को बढ़ोत्तरी का 40 फीसदी हिस्सा आयकर और जीएसटी के जरिए वापस मिल जाएगा। इस तरह से एक केन्द्र सरकार के कर्मचारी के वेतन में मुश्किल से 60 फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी। कर्मचारी जो पैसे कमाएंगे उन्हें खर्च भी करेंगे, जिनसे मांग तो बढ़ेगी ही साथ ही रोजगार की संभावनाएं भी पैदा होंगी। आपको बता दें कि केन्द्र सरकार के कर्मचारी सातवें वेतन आयोग को अब तक का सबसे खराब वेतन आयोग बता चुके हैं।
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