7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मियों को मिल सकता है तोहफा, न्यूनतम सैलरी 21 हजार करने का है प्लान
नई दिल्ली। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी देने के बाद मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को एक और खास तोहफा देने पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18 हजार से 21 हजार करने का विचार वित्त मंत्रालय की ओर से किया जा रहा है। इससे पहले मोदी सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी देते हुए केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18 हजार रुपये करने पर मुहर लगाई थी।
न्यूनतम सैलरी 21 हजार करने का प्लान
जून के महीने में केंद्रीय कैबिनेट ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दी थी। उस समय वित्त मंत्रालय की ओर से केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई थी। उस समय वित्त मंत्रालय ने 7th Pay Commission में 2.57 गुना के फिटमेंट फैक्टर को लागू करने का प्रस्ताव पास किया था। हालांकि अब मोदी सरकार की योजना इस फिटमेंट फैक्टर को 3 गुना करने की है। माना जा रहा है कि वित्त मंत्रालय ने इस फैसले को मंजूरी देने पर फैसला कर लिया है।
7th Pay Commission की सिफारिशों को दी गई है मंजूरी
भले ही मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दी हो, लेकिन केंद्रीय कर्मचारियों के यूनियन की ओर से 3.68 फिटमेंट फॉर्म्यूलें की मांग की गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स पर गौर करें तो वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये से बढ़ाने का वादा किया है।
वित्त मंत्रालय कर रहा प्लान
सरकार के इस फैसले को लेकर राय यही है कि इससे केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में असमानता में जरूरी बदलाव आएगा। कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में जरूरी बदलाव आएगा और उनकी वेतन को लेकर शिकायत भी दूर होगी। बता दें कि 7th Pay Commission की सिफारिशों को मंजूरी दिए जाने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये तय किया गया है।
7th Pay Commission की सिफारिशों को मंजूरी के बाद मोदी सरकार का खास प्लान
पिछले वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों का बेसिक पे 7 हजार रुपये था। फिटमेंट फॉर्म्यूले के तहत इसे 2.57 गुना किया गया, जिसकी वजह से न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये करने पर फैसला हुआ। हालांकि केंद्रीय कर्मचारी यूनियन की ओर से फिटमेंट फॉर्म्यूल में इसे 3.68 गुना करने की मांग की गई थी।