दिवाली के पहले 150 साल में पहली बार दिखा ये दुर्लभ विशालकाय उल्लू, लोग देख कर हो गए हैरान
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर। दुनिया भर में बहुत से ऐसे जीव हैं लुप्त हो चुके हैं। ये लुप्त जीव बर्षों से दिखाई नहीं दिए है। ऐसा नहीं है कि इन जीवों का अब दुनिया में अस्तित्व ही नहीं है, ये हैं तो लेकिन हमें दिखाई नहीं देते। ऐसा ही एक विशालकाल उल्लू 150 साल बाद नजर आया है। जिसकी सोशल मीडिया पर तस्वीर जमकर वायरल हो रही है।
साइज देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे
इस विशालकाय उल्लू का साइज देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे। ये उल्लू अफ्रीका के वर्षा वनों में पाया जाने वाला एक विशालकाय उल्लू हैं। उल्लू की इस प्रजाति को Shelley eagle कहते हैं।
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जानें किसने खींची तस्वीर
इस उल्लू की तस्वीर जो वायरल हो रही है उसे बिट्रेन के एक साइटिंट ने अपने कैमरे में कैप्चर किया है। Shelley eagle के नाम से जाना जाने वाले इस उल्लू की तस्वीर 16 अक्टूबर को इंपीरियल कॉलेज लंदन के लाइफ साइंस विभाग के डॉक्टर जोसेफ टोबिअस ने कैप्चर किया। उन्होंने अपने मित्र डॉ रॉबर्ट विलियम के साथ खींची है।
महज 15 सेकेंड में हो गया फुर्र
तस्वीर की फोटो कैप्चर करने वाले डॉक्टर जोसेफ ने बताया कि ये उल्लू महज 15 सेकेंड के लिए दिखा फिर कहीं गायब हो गया। इस उल्लू का साइज बहुत बड़ा था और आंखें गहरे काले रंग की थी।
साइज देखकर लगा चील है
जोसेफ ने ये भी बताया कि मैंने उसे दूरबीन से देखा पहले तो उसका साइज देखकर मुझे लगा कि वो चील है लेकिन बहुत गौर से देखा तो पता चला कि वो चील नहीं दुर्लभ प्रजाति का उल्लू है। जिसे वर्षो से किसी ने नहीं देखा था।
150 वर्षों में पहली बार आया नजर
ghanaspora नाम के ट्वीटर हैंडल पर इसकी जानकारी साझा करते बताया गया है कि ये घाना के अटेवा वन में 150 वर्षों में पहली बार एक अत्यंत दुर्लभ उल्लू देखा गया।। जंगल में शोध करने वाले दो ब्रिटिश पारिस्थितिकीविदों ने हाल ही में शेली के मध्य और पश्चिम अफ्रीका के स्वदेशी ईगल उल्लू को देखा। खोज अटेवा वन को संरक्षित करने के लिए प्रेरित कर सकती है।
First confirmed sighting of an extremely rare owl in Ghana's Atewa Forest in 150 years. Two British ecologists conducting research in the forest recently saw the Shelley's Eagle Owl (indigenous to Central & West Africa). The discovery could prompt the Atewa Forest to be protected pic.twitter.com/fQ6ININAuH
— ghanaspora (@ghanaspora) October 23, 2021
टीमें इस दुर्लभ पक्षी के बारे में जानकारी जुटाने में वर्षों से कर रही मेहनत
डॉ नथानिएल अनोरबाही ने कहा कि ये तहलका मचा देने वाली खोज है। कई टीमें इस दुर्लभ पक्षी के बारे में जानकारी जुटाने में वर्षों से सूचना जुटाने का प्रयास कर रहे हैं। जानकारों के अनुसार इस प्रजाति के उल्लू के बार के बारे में पहली बार 1872 में Richard Bowdler Sharpe ने बताया था। फिलहाल इस उल्लू के नजर आने के बाद वन्य जीव संरक्षक इस पर बराबर निगरानी बनाए हुए है कि कहीं ये उल्लू शिकारियों का शिकार ना बने। जिस क्षेत्र में देखा गया वहां मॉनीटिरिंग बढ़ा दी गई है।