दिल्ली के शख्स ने 1500 जॉब रिक्वेस्ट भेजे , 600 ईमेल किए, आखिरकार अब मिली इतनी बड़ी कामयाबी
शख्स ने 1500 से जॉब रिक्वेस्ट भेजे , 600 ईमेल किए, आखिरकार अब मिली इतनी बड़ी कामयाबी
नई दिल्ली,27 सितंबर: कहते हैं अगर लगन और ईमानदारी से किसी लक्ष्य को भेदा जाए तो उसमें सफलता अवश्य मिलती है। ऐसे ही एक नवजवान युवा से हम आपको मिलवाने जा रहे हैं जिसने ये बात साबित कर दी कि अगर प्रयास के साथ धैर्य रखा जाए तो कामयाबी जरूर मिलती है। ये शख्स हैं दिल्ली के रहने वाले वत्सल नहाटा, जिन्होंने बुरे वक्त में भी धैर्य नहीं खोया और अपना प्रयास जारी रखा और आज बड़ी कामयाबी हासिल की है।
कोविड के समय में येल विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की
वत्सल कोविड-19 के समय अमेरिका के येल विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने वाले थे। वत्सल नौकरी की तलाश में थे लेकिन मंदी के चलते कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही थीं क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कंपनियों पर केवल अमेरिकी कर्मचारियों को काम पर रखने का दबाव डाल रहे थे।
वत्सल चाहते थे कि उनकी पहली सैलरी डॉलर में हो।
वत्सल की पढ़ाई पूरी होने वाली थी लेकिन उसके पास नौकरी नहीं थी। वत्सल ने सोचा कि येल विवि में आकर पढ़ाई करने का क्या फायदा जब उन्हें अमेरिका में नौकरी नहीं मिली। वत्सल की इच्छा थी कि उनकी पहली सैलरी डॉलर में हो।
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1500 से ज्यादा जॉब रिक्वेस्ट भेजे, 600 ईमेल किए और....
वत्सल नहाटा ने शुरूआत में सोशल नेटवर्किंग शुरू की इसके बाद उन्होंने 1500 से ज्यादा जॉब रिक्वेस्ट भेजे, 600 ईमेल किए और करीब 80 जगहों पर फोन किए लेकिन हर जगह से उनकी बात नहीं सुनी गई।
2 महीने बाद वत्सल की मेहनत रंग लाई और.....
इसके बाद उन्हें निराशा हुई लेकिन 2 महीने बाद वत्सल की मेहनत रंग लाई और उन्हें एक साथ 4 नौकरी के प्रस्ताव मिले, जिसमें से उन्होंने विश्व बैंक में नौकरी चुनी और अब वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में काम कर रहे हैं।
वत्सल ने कहा मैंने 4 बहुत महत्वपूर्ण चीजें सीखी हैं
वत्सल नहाटा ने कहा मैंने इन 2 महीनों में बहुत कुछ सीखा है और 4 बहुत महत्वपूर्ण चीजें सीखी हैं, सबसे पहले इस समय में मुझे नेटवर्किंग के रियल पॉवर का पता चला, और दूसरी बात यह कि मैं अमेरिका में एक अप्रवासी के रूप में अपना रास्ता खोज सकता हूं। तीसरा आईवीवाई लीग की डिग्री मुझे आगे ले जाएगी और चौथा कोविड-19 का समय मेरे लिए आगे बढ़ने का मौका था।
600 Cold Emails, 80 Phone Calls: How Delhi's Vatsal Nahata Got A Job At The World Bank & IMF
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— Dr Pradhyumansinh Rathod (@PradhyumansinhR) September 26, 2022