शरद यादव ने ठुकराया मोदी सरकार में मंत्री पद, नीतीश के खिलाफ करेंगे बगावत!
नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठंबधन तोड़ने और भारतीय जनता पार्टी के साथ जाकर सरकार बनाने के फैसले के खिलाफ अब खुद जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और मौजूदा राज्यसभा सांसद शरद यादव आ गए हैं। इतना ही नहीं भाजपा के साथ बिहार में गठबंधन का विरोध कर रहे शरद यादव ने केंद्रीय मंत्री का पद स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।
नीतीश के फैसले के खिलाफ
अंग्रेजी वेबसाइट द वायर के मुताबिक शुक्रवार को (28 जुलाई) शरद यादव ने कि हम सांप्रदायिक शक्तियों के साथ नहीं जाएंगे। अब संग्राम होगा। शरद ने कहा किवो सांप्रदायिक शक्तियों के साथ गठबंधन करने के नीतीश के फैसले के खिलाफ थे। द वायर के अनुसार शरद के करीबी सूत्रों ने जानकारी दी कि 26 जुलाई की रात वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शरद से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्री के पद की बात की थी लेकिन शरद यादव ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई।
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बयान जारी कर सकते हैं शरद
सूत्रों की मानें तो शरद भाजपा के साथ गठबंधन का विरोध करते रहेंगे और जल्द ही इस पर बयान जारी कर सकते हैं। इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने दावा किया कि उनकी बात शरद यादव से हुई है। निजी समाचार चैनल NDTV को दिए एक साक्षात्कार में 69 वर्षीय लालू ने कहा कि 'शरद यादव ने मुझे फोन किया था।' लालू ने कहा कि 'वो हमसे संपर्क में हैं और उन्होंने कहा है कि वो हमारे साथ हैं।'
फ्लोर टेस्ट में जीते नीतीश
बता दें कि 28 जुलाई को हुए फ्लोर टेस्ट में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड को विधानसभा में बहुमत साबित कर लिया। 243 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 122 है हालांकि नीतीश के पक्ष में 131 वोट पड़े। वहीं विरोध में 108 वोट।
सौंप दिया था इस्तीफा
गौरतलब है कि 26 जुलाई को देर शाम नीतीश कुमार ने राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया था। उसके बाद भाजपा ने उन्हें बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा भी कर दी। 26 जुलाई को ही देर रात नीतीश कुमार और सुशील मोदी ने राज्यपाल से मुलाकात कर अपना दावा पेश किया और विधायकों की पेरड भी हुई। इसके बाद अगले दिन गुरुवार (27 जुलाई) को सुबह 10 बजे नीतीश कुमार को बतौर मुख्यमंत्री और सुशील कुमार मोदी को बतौर उपमुख्यमंत्री पद की शपथ राज्यपाल केशरी नाथ ने दिलाई थी।
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