लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ीं, बेटे तेज प्रताप यादव पर दर्ज हुआ मुकदमा
पटना। बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के खिलाफ चुनाव आयोग को दिए गए झूठे शपथ पत्र के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा बीजेपी के विधान पार्षद द्वारा पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के अदालत में दर्ज करवाया गया है। मुकदमा दर्ज करवाते हुए विधान पार्षद ने आरोप लगाया है कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव द्वारा औरंगाबाद में 53 लाख 54 हजार में खरीदी गई 45. 24 डिसमिल जमीन का विवरण चुनाव में चुनाव आयोग को नहीं दिया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी के विधान पार्षद सूरज नंदन प्रसाद ने पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में तेज प्रताप के खिलाफ 3838(सी)/2017 मुकदमा दर्ज करवाया है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-125 (ए) और आईपीसी की धारा-193 के अंतर्गत संज्ञान लेने के साथ-साथ राजद विधायक के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए कोर्ट में उपस्थित कराने और सुनवाई प्रारंभ करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निवेदन किया गया है। इस मामले में भाजपा विधायक अरुण कुमार सिन्हा और सुमन कुमार गवाह बने हुए हैं।
परिवाद पत्र दायर करते हुए भाजपा विधान पार्षद सूरज नंदन प्रसाद के ने आरोप लगाया कि महुआ वैशाली के राजद विधायक तेज प्रताप यादव के द्वारा औरंगाबाद में खरीदी गई जमीन का विवरण 2015 के विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग को नहीं दिया गया था जबकि यह जमीन औरंगाबाद में 16 जनवरी 2010 को खरीदा गया था। फिलहाल इस जमीन पर लारा डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से बाइक का शो रूम चल रहा है। तेजप्रताप के द्वारा चुनाव आयोग से छुपाए गए अपनी प्रॉपर्टी से ना केवल चुनाव आयोग को ही धोखा दिया गया है बल्कि लोक प्रतिनिधित्व की धारा 125( ए) आधी उल्लंघन किया गया है। और इस मामले में उनकी सदस्यता समाप्त भी हो सकती है। वहीं आईपीसी धारा 193 के अंतर्गत उन्हें 7 साल की सजा भी होगी।