बिहार: 45 साल बाद परिवार में पैदा हुई बेटी, ढोल बाजे के साथ परिजनों ने किया स्वागत
छपरा के एक परिवार में 45 सालों के बाद बेटी हुई तो परिवार वाले खुशी से झूम उठे, इतना ही नहीं नवजात को बाज़ाबते डोली और बैंड बाजे के साथ अस्पताल से घर लाया गया।
छपरा, 25 जुलाई 2022। 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' मिशन पर राज्य और केंद्र दोनों सरकारें काम कर रही हैं। समाज में बेटी को बचाने के लिए जागरुकता अभियान चला जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद ऐसी खबर देखने को मिल जाती है कि बेटी पैदा होने पर बहू को प्रताड़ित किया जा रहा है। मां-बाप बेटी नहीं बेटा चाहते थे, नवजात को छोड़ कर दंतपती फ़रार इस तरह की खबरें अकसर देखने को मिलती है। लेकिन आज हम आपको ऐसी खबर से रूबरू करवाने जा रहे हैं जिसे पढ़ कर आप भी कहेंगे, 'परिवार हो तो ऐसा'।
बेटी के आगमन पर परिवार वालों ने मनाया जश्न
छपरा के एक परिवार में 45 सालों के बाद बेटी हुई तो परिवार वाले खुशी से झूम उठे, इतना ही नहीं नवजात को बाज़ाबते डोली और बैंड बाजे के साथ अस्पताल से घर लाया गया। एकमा नगर पंचायत क्षेत्र के रहना वाले शिवजी प्रसाद के बेटे की पत्नी ने पुत्री को जन्म दिया, जिसके बाद पूरे धूम-धाम से परिजनों ने एकमा निजी हॉस्पिटल से नन्हीं बच्ची को लाने के पालकी का इंतज़ाम किया और बैंड बाजे के साथ डोल में बैठाकर घर ले गए।
बेटी पैदा होने की खुशी में पिता का अनोखा जश्न
बेटी पैदा होने की खुशी में पिता ने अनोखा ही जश्न मनाया, बेटी को घर ले जाने के लिए अस्पताल के एंबुलेंस का इस्तेमाल नहीं किया गया बल्कि डोली सजाई गई और उसमे बैठाकर बच्ची को ले जाया गाय। मिली जानकारी के मुताबिक इस परिवार में 45 साल बाद बेटी पैदा हुई है। बेटी के आगमन पर परिजन इतना ज्यादा खुश हुए की अस्पताल में नोटों की बारिश करते हुए सभी कर्मचारियों का मुंह मीठा करवाया
ग्रामीणों ने की जमकर तारीफ़
गांव पहुंचने पर खूब जश्न मनाया गया, परिजनों ने खूब मिठाइयां बांटीं। गांव में जब अस्पताल से डोली में बहू आई तो लोगों ने नज़ारा देखने के बाद बालो परिवार हो तो ऐसा, बेटी को समाज में इस तरह से स्वीकार करना चाहिए। इस परिवार ने समाज में एक अलग मिसाल पेश की। एकमा नगर पंचायत क्षेत्र के रहने वाले धीरज गुप्ता के घर बेटी का आगमन हुआ है। धीरज के बड़े भाई बबलू गुप्ता ने कहा कि हम लोग 4 भाई हैं लेकिन किसी को भी बेटी नहीं थी। परिवार में बेटी के आगमन के लिए हर कोई तरस रहा था और अब भगवान ने करीब 45 वर्षो के बाद हम लोगों को बेटी की खुशी दी है।
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