IPL की तरह बिहार चुनाव भी हुआ रोमांचक, पेश है एक ओवर की छह गेंदों का आंखों देखा हाल
बिहार विधानसभा चुनाव और आइपील दोनों रोमांचक दौर में दाखिल हो गये हैं। चुनाव का रोमांच क्रिकेट के रोमांच से बिल्कुल कम नहीं। चुनाव में भी अलग टीमों के कप्तान मुकाबला जीतने के लिए एक से बढ़ एक दांव खेल रहे हैं। अगर अभी के चुनावी परिदृश्य को क्रिकेट के एक ओवर में तब्दील किया जाए तो इसकी छह गेंदों के अलग-अलग रंग हैं। इनमें तेज बाउंसर हैं, यॉर्कर हैं, आउटस्विंगर हैं, तो चकमा देने के लिए कुछ स्लोवर डिलिवरी भी हैं। जैसे डेथ ओवर में कई बार बॉलर यॉर्कर फेंकने के चक्कर में फुलटॉस कर बैठता है और उस पर बल्लेबाज छक्का मार देता है, कुछ वैसा ही बिहार चुनाव में भी हुआ है। जैसे तेजस्वी का यॉर्कर फुलटॉस हो गया जिस पर माले और सीपीआइ ने छक्का मार दिया। चिराग ने जदयू के खिलाफ उम्मीदवार उतार कर नीतीश पर बाउंसर फेंका। नीतीश ने बाउंसर पर डक कर दिया। लेकिन नीतीश को चिराग के बाउंसर से बचने के लिए सुशील मोदी ने अंपायर (चुनाव आयोग) से रिव्यू मांग लिया। चिराग मोदी की रिस्ट बैंड लगा कर बॉलिंग कर रहे हैं, लिहाजा इनकी गेंदों को नोबॉल करार दिया जाए। इस ओवर में ढीली गेंद भी है जिसकी वजह से कमजोर बल्लेबाजों को भी जमने का मौका मिल गया। राजनीतिक हलके में मुकेश सहनी को ऐसा ही प्लेयर माना जा रहा है। इस सीजन मांझी ने फ्रेंचाइजी बदल कर नये सिरे से पारी को जमाने की कोशिश की है।
पहली गेंद तेज बाउंसर
चिराग पासवान ने जदयू के सभी उम्मीदवारों के खिलाफ अपने प्लेयर उतारने का एलान कर एक तेज बाउंसर फेंका। उन्होंने जदयू के बल्लबाजों को आउट करने के लिए भाजपा के पुराने गेंदबाजों को अपनी टीम में शामिल कर लिया। दिनारा से भाजपा के पूर्व दिग्गज गेंदबाज राजेन्द्र सिंह अब चिराग के लिए बॉलिंग कर रहे हैं और उनके निशाने पर हैं जदयू के मंत्री जय कुमार सिंह। इसी तरह से भाजपा के रवीन्द्र यादव भी लोजपा के लिए गेंदबाजी कर रहे हैं। इस बाउंसर का नीतीश के पास कोई जवाब नहीं था। सो डक करना उनकी मजबूरी है। लेकिन उन्होंने चिराग को रोकने के लिए दूसरा रास्ता निकाला।
दूसरी गेंद पर नीतीश को बचाने के लिए रिव्यू
नीतीश को चिराग पासवान की तूफानी गेंदबाजी से बचाने के लिए स्ट्राइक सुशील मोदी ने संभाली। उन्होंने अम्पायर (चुनाव आयोग) से कहा कि चिराग के रिस्ट बैंड पर नरेन्द्र मोदी की तस्वीर लगी है जो कि गेम के रूल्स के हिसाब वैलिड नहीं है। सुशील मोदी और नीतीश चाहे जितने भी क्लासिक बैट्समैन हों लेकिन वे चिराग की सटीक बाउंसर से परेशान हो गये थे। उन्हें अपना खेल खराब होने का डर सताने लगा तो वे चिराग की गेंदों को नोबॉल करार देने की अपील करने लगे। सुशील मोदी की इस अपील पर खेल प्रेमियों ने कहा, अरे भई, आप लोग 15 साल से बल्लेबाजी कर रहे हो, एक नये गेंदबाज से इतनी दहशत में क्यों हो ? आप लोग तो लालू जी जैसे फास्ट बॉलर पर छक्का मार चुके हैं फिर चिराग जैसे कम अनुभव वाले गेंदबाज पर इतनी हाय तौबा क्यों ? अगर आप बच्चों जैसी शिकायत करेंगे तो आप लोगों (नीतीश और मोदी) को राजनीति का कोहली और डिविलियर्स कौन कहेगा ?
तीसरी गेंद फुलटॉस, माले का छक्का
तेजस्वी यादव रियल लाइफ में क्रिकेटर रहे हैं। उन्हें मालूम था कि हमेशा सटीक यॉर्कर फेंकना मुमकिन नहीं होता। इस चक्कर में कई बार गेंद फुलटॉस हो जाती है जिस पर बल्लेबाज के लिए छक्का मारना आसान हो जाता है। तेजस्वी ने पहले तो तेज यॉर्कर डाल कर भाकपा माले और सीपीआइ को डराया। माले ने पिच पर इंतजार किया। जैसे ही तेजस्वी की एक गेंद फुलटॉस हुई माले ने बेधड़क छक्का मार दिया। तेजस्वी को लेने के देने पड़ गये। कहां तो 15 सीटें देने की बात कर रहे थे वहीं अपनी पांच जीती हुई सीटें माले को देनी पड़ी। तेजस्वी की लय बिगड़ी तो वे ढीली गेंदें डालने लगे। इसका फायदा सीपीआइ ने ही उठाया। उसने भी राजद से दो सीटें झटक लीं। आज तक राजद को ऐसी फजीहत नहीं झेलनी पड़ी। लेकिन तेजस्वी की ढीली गेंदबाजी के कारण राजद को सात जीत हुई सीटें हाथ से निकल गयीं। वाम दलों ने खुल कर बल्लेबाजी की और रन भी बटोरे। लालू यादव की कप्तानी में ऐसा कोई सोच भी नहीं सकता था कि वह राजद की सीट ले ले। लेकिन अब माले ने राजद की पिच पर मनमाफिक रन बटोरे।
चौथी गेंद ऑफ स्टंप के बाहर, जम गये मांझी
नीतीश कुमार, जीतन राम मांझी को पारी जमाने का मौका देना चाहते थे इसलिए वे स्टंप से काफी हट कर गेंदबाजी कर रहे थे। वे जानबूझ कर ऑफ स्टंप से बाहर, हाफ वॉली पर गेंद फेंक रहे थे ताकि मांझी शॉट मार कर रन बना सकें। मांझी जितने रन बनाते चिराग को उतनी तकलीफ होती। इसमें नीतीश और मांझी, दोनों का फायदा था। मांझी के फेवर में खेल देखे के चिराग ने टीम से नाता तोड़ लिया। इसका मांझी को इनाम मिला। नीतीश कुमार ने उन्हें सात सीटें देकर एनडीए में रिटेन कर लिया। नीतीश की मेहरबानी से मांझी की एनडीए में वापसी मुमकिन हो गयी।
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पांचवीं गेंद पर मुकेश सहनी रन आउट
मांझी और कुशवाहा ने तेजस्वी की टीम छोड़ दी थी लेकिन मुकेश सहनी वहां बड़ी उम्मीदों के साथ बने हुए थे। वे तेजस्वी की कप्तानी में उप कप्तान (डिप्टी सीएम) बनने का तक का ख्वाब देख रहे थे। लेकिन जब तेजस्वी ने रनिंग बिटविन विकेट के दौरान मुकेश सहनी को रन आउट करा दिया तो वे जमीन पर आ गिरे। आनन-फानन में सहनी टीम छोड़ कर नये फ्रेंचाइजी की तलाश में निकल पड़े। एनडीए में जगह मिल गयी। इसी को कहते हैं किस्मत। जिस खिलाड़ी का इस सीजन में कोई भविष्य नजर नहीं आ रहा था उसकी झोली में ग्यारह सीटें आ गिरीं।
छठी गेंद स्लोअर आउट स्विंगर
छठी गेंद स्लोअर आउट स्विंगर है जो नीतीश को चकमा देने के लिए भाजपा ने डाली है। भाजपा ने अपनी गेंदों की गति में परविर्तन कर के नीतीश को चकमा देने की कोशिश की है। भाजपा चिराग को ‘जलाये' रखना चाहती है। चिराग के खिलाफ उसकी अपील दिखावटी है। मिसाल के तौर पर तरारी सीट का मामला सामने रखा जा सकता है। तरारी सीट भाजपा को मिली है। यहां से लोजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक सुनील पांडेय चुनाव लड़ने पर अड़े हुए थे। लेकिन चिराग ने उन्हें टिकट देने से साफ मना कर दिया। चिराग ने कहा कि किसी भी हाल में भाजपा के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ना है। ऐसे में सुनील पांडेय को चुनाव लड़ने के लिए पार्टी से इस्तीफा देना पड़ा। अभी तो मुकाबला शुरू ही हुआ है, आगे और भी ऐसे उदाहरण सामने आएंगे। क्या भाजपा, नीतीश के खिलाफ कोई माइंड गेम खेल रही है ?