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MP : आदिवासियों के मामले अब खुद देखेंगे कलेक्टर, पेसा एक्ट के बाद बदली स्थिति, राजस्व प्रमुख सचिव का आदेश

मध्य प्रदेश में राजस्व विभाग में कलेक्टरों के लिए नया फरमान जारी किया है। दरअसल पेसा एक्ट लागू होने के बाद प्रदेश में आदिवासियों की जमीनों के मामले अब खुद कलेक्टर देखेंगे या अपने से ऊपर रैंक वाले पदाधिकारियों को सौंपेंगे

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मध्य प्रदेश सरकार ने आदिवासियों के लिए बड़ा फैसला लिया है। बता दें कि आदिवासियों के लिए गैर नोटिफाइड एरिया में आदिवासी की जमीन खरीदने के लिए अपर कलेक्टर फैसला नहीं ले सकेंगे। अपर कलेक्टर राजस्व अधिकारी हैं, इसलिए अगर किसी जिले में कलेक्टर ने यह काम अपर कलेक्टर को सौंप रखा है तो उन्हें इसे वापस लेना होगा। ऐसे मामलों में सिर्फ कलेक्टर की सुनवाई कर सकेंगे। साथ ही ऐसे इलाकों में भी कलेक्टर की अनुमति से ही आदिवासियों की जमीन बिक सकेगी। प्रदेश में 15 नवंबर से पेसा एक्ट लागू करने के राज्य सरकार के फैसले के बाद इसको लेकर राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने नया स्पष्टीकरण जारी किया है। रस्तोगी ने लागू नियमों का हवाला देते हुए कहा कि इसमें कुछ प्रतिबंध भी है इन्हीं प्रतिबंध में से एक प्रतिबंध अनुज्ञा प्रावधान को लेकर है, जो कलेक्टर से अनिम्न श्रेणी का न हो यानी कलेक्टर या उससे सीनियर अफसर ही इसके लिए अनुमति दे सकेंगे।

MP : आदिवासियों के मामले अब खुद देखेंगे कलेक्टर

पेसा एक्ट के बाद बदली स्थिति

राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव ने स्पष्ट किया है कि भूमि अंतरण के ऐसे मामले जो आदिवासी वर्ग की भूमि से संबंधित है और नोटिफाइड एरिया से अलग क्षेत्र के हैं। उन क्षेत्रों में यदि कोई आदिवासी भूमि स्वामी गैर आदिवासी के पक्ष में अपनी जमीन ट्रांसफर कराना चाहता है तो यह ऐसे भूमि स्वामी जो धारा 158(3) कैटेगरी के हैं और अपनी जमीन ट्रांसफर कराना या बेचना चाहते हैं। उन्हें भूमि बिक्री के पहले राजस्व अधिकारी जो कलेक्टर या उससे ऊपर के का अफसर है उसे अनुमति लेना होगी।

प्रमुख सचिव ने कहा कि यह अनुमति सिर्फ कलेक्टर दे सकेंगे कलेक्टर की अनुमति की प्रत्याशा में अपर कलेक्टर की अनुमति नहीं दे सकेंगे, क्योंकि संहिता की धारा 12 के अनुसार अपर कलेक्टर के अधीनस्थ राजस्व अधिकारी हैं, इसलिए सभी कलेक्टर यह ध्यान रखेंगे कि अपने तथा अपर कलेक्टर के मध्य कार्य विभाजन करते समय इन नियमों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। यह काम अपर कलेक्टर को नहीं सौंपा जाना चाहिए।

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English summary
MP: Collector himself will see affairs of tribals, order of revenue secretary after PESA Act
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