बरेली जामा मस्जिद को बम से उड़ाने की मिली थी धमकी, अब गिरफ्त में आए शख्स ने बताई ये वजह
बरेली, 08 सितंबर: बरेली की जामा मस्जिद को बम से उड़ाने की धमकी बुधवार 07 सितंबर को मिली थी। मस्जिद की दीवार पर जो चिट्ठी चस्पा की गई थी उसमें मस्जिद के इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम को भी गोली मार देने की धमकी दी गई थी। मस्जिद की दीवार इस तरह की चिट्ठी मिलने के बाद इलाके के साथ-साथ पुलिस-प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। हालांकि, इस मामले के कुछ ही घंटों बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस की मानें तो यह हरकत किसी और ने नहीं बल्कि किला जामा मस्जिद के रहने वाले युवक 25 वर्षीय मोहम्मद समद ने की थी। देर रात किला पुलिस ने मोहम्मद समद को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पूछताछ में में उसने स्वीकार किया कि ईद मिलादुन्नबी पर निकलने वाले जुलूस में उसे डीजे नहीं बजाने दिया गया। इसी के बाद दिमाग में जामा मस्जिद की दीवार पर धमकी भरा पत्र चिपकाने का विचार आया और पर्चा चस्पा कर दिया। आरोपित के स्वीकारनामे के बाद पकड़े गए उसके छह अन्य साथियों को किला पुलिस ने छोड़ दिया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह मामला बरेली जिले की जामा मस्जिद का है। जिले का माहौल खराब करने के लिए बुधवार 07 सितंबर को जामा मस्जिद पर धमकी भरा पर्चा चिपका मिला था। जिसमें जामा मस्जिद को बम से उड़ाने और मस्जिद के इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम को गोली से उड़ाने की बात लिखी गई थी। यह चिट्ठी हाथ से लिखी हुई थी, इस चिट्ठी को चिपकाकर आरोपी मौका-ए-वारदास से फरार हो गया। धमकी भरी चिट्ठी मिलने के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गई थी और आनन-फानन में पुलिस अधिकारियों ने मामले की जांच के आदेश दिए।
मस्जिद के आसपास नहीं थे कोई सीसीटीवी कैमरे
मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने चिट्ठी को कब्जे में लिया। वहीं, इस मामले में इमाम खुर्शीद आलम ने बताया कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है, ना ही कोई विवाद है। इसके बावजूद इस तरह का भड़काऊ पोस्टर लगाकर माहौल खराब करने की कोशिश की गई है। इमाम का दावा है कि यह शरारत जानबूझकर की गई है जिससे कि शहर के माहौल को खराब किया जा सके। पुलिस की मानें तो आरोपी को पता था कि मस्जिद के आसपास कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा हुआ था।