औरैया पुलिस पर नाबालिगों को थर्ड डिग्री और एनकाउंटर की धमकी देने के आरोप, एएसपी ने कहा- नहीं किया टॉर्चर
औरैया। उत्तर प्रदेश के औरैया में अजय नाम के किशोर का शव पुरहा नदी में मिलने के बाद उसके साथ नहाने गए सात लड़कों को पुलिस ने हिरासत में लिया। पुलिस पर आरोप है कि उसने नाबालिग लड़कों से पूछताछ के दौरान टॉर्चर किया और उनको यह बयान देने पर मजबूर किया कि अजय पैर फिसलने से नदी में डूब गया जिससे उसकी मौत हो गई। नाबालिक लड़के के पिता का आरोप है कि उसके बच्चे के साथ मारपीट की गई और उसको करंट लगाया गया। इस घटना को लेकर यूपी कांग्रेस ने योगी सरकार और पुलिस पर हमला बोला है। पुलिस महकमे में इस घटना के बाद हड़कंप मच गया है। एएसपी ने नाबालिग लड़को को टॉर्चर किए जाने की बात को गलत बताया है।
पुलिस
पर
नाबालिगों
को
टॉर्चर
करने
के
आरोप
घटना
अंबेडकर
नगर
इलाके
की
है।
यहां
18
अगस्त
को
अजय
नाम
का
किशोर
लापता
हो
गया
था।
23
अगस्त
को
उसकी
लाश
पुरहा
नदी
में
मिली
थी।
परिजनों
ने
थाने
में
पहले
गुमशुदगी
और
लाश
मिलने
के
बाद
अजय
के
अपहरण
व
हत्या
का
केस
दर्ज
कराया।
बिधूना
कोतवाल
और
सीओ
पर
आरोप
है
कि
शक
के
आधार
पर
सात
किशोरों
को
पूछताछ
के
लिए
हिरासत
में
लिया
और
अजय
के
फिसलकर
नदीं
में
डूबने
का
बयान
देने
के
लिए
थर्ड
डिग्री
दी।
अजय
के
परिजनों
ने
पांच
लोगों
के
खिलाफ
थाने
में
रिपोर्ट
दर्ज
कराई
थी।
बिधूना
कोतवाल
विनोद
शुक्ल
के
मुताबिक,
परिजनों
के
साथ
नाबालिगों
को
थाने
लाया
गया
था
और
पूछताछ
के
बाद
उनको
जाने
दिया
गया
था।
सीओ
बिधूना
मुकेश
प्रताप
सिंह
इस
घटना
की
विवेचना
कर
रहे
हैं।
पिता
ने
कहा-
बच्चे
को
पुलिस
ने
पीटा,
लगाया
करंट
इस
बारे
में
मीडिया
से
बात
करते
हुए
एक
लड़के
का
वीडियो
वायरल
हो
गया।
लड़के
ने
कहा
कि
पुलिस
उसको
पकड़कर
ले
गई,
थाने
में
भी
पुलिस
ने
मारपीट
की,
पुरहा
नदी
के
किनारे
ले
जाकर
भी
उसको
पीटा
गया।
पुलिस
ने
एनकाउंटर
की
भी
धमकी
दी।
नाबालिग
लड़के
के
पिता
ने
मीडिया
को
बताया
कि
पुलिस
उसके
बच्चे
को
उठाकर
ले
गई।
उसके
साथ
मारपीट
करते
हुए
उसको
करंट
लगाया
और
यह
बयान
देने
पर
मजबूर
किया
कि
पुरहा
नदी
में
अजय
फिसलकर
गिरा
और
वह
नदी
में
डूब
गया।
पिता
ने
बताया
कि
पुलिस
ने
उसके
बेटे
को
धमकी
दी
कि
अगर
बयान
को
बदला
तो
तुम्हारा
एनकाउंटर
कर
देंगे।
उसके
बेटे
ने
मजबूर
होकर
पुलिस
के
कहे
मुताबिक
ही
बयान
दिया।
कांग्रेस
ने
इस
मामले
का
ट्वीट
करते
हुए
लिखा
कि
एक
ओर
अपराधियों
का
'जंगलराज'
और
दूसरी
ओर
पुलिसिया
बर्बरता
व
गुंडई
ने
उप्र
के
क़ानून
के
राज
को
निगल
लिया
है।
अपना
पीठ
थपथपाने
के
लिए
औरैया
पुलिस
ने
नाबालिग
दलित
बच्चों
पर
थाने
में
बर्बरता
की,
एनकाउंटर
की
धमकी
दी।
एएसपी
ने
आरोपों
को
किया
खारिज
अपर
पुलिस
अधीक्षक
कमलेश
दीक्षित
ने
नाबालिग
को
टॉर्चर
किए
जाने
के
आरोपों
को
गलत
बताया
है।
उन्होंने
कहा
कि
नाबालिगों
के
साथ
किसी
तरह
की
मारपीट
या
करंट
लगाने
जैसा
काम
नहीं
किया
गया
है।
कहा
कि
उन्होंने
शनिवार
को
नाबालिगों
के
परिजनों
से
मुलाकात
की।
परिजनों
ने
बच्चों
को
थर्ड
डिग्री
दिए
जाने
की
बात
से
इनकार
किया।
पूरी
घटना
के
बारे
में
बताते
हुए
अपर
पुलिस
अधीक्षक
ने
कहा
18
अगस्त
को
परिजनों
ने
अजय
की
गुमशुदगी
की
सूचना
दी
जिस
पर
केस
दर्ज
करते
हुए
छानबीन
की
गई
तो
सात
लड़कों
के
बारे
में
पता
चला
जो
उसके
साथ
नहाने
गए
थे।
उनमें
बालिग
और
नाबालिग
दोनों
शामिल
हैं।
पुलिस
ने
उन
लड़कों
से
पूछताछ
की
तो
बताया
गया
कि
वे
सभी
अजय
के
साथ
नहाने
गए
थे।
वहां
नहाते
समय
अजय
का
पांव
फिसल
गया
और
नदी
में
डूब
गया।
लड़कों
ने
बताया
कि
बहुत
खोजने
पर
अजय
का
पता
नहीं
चला
तो
डर
के
मारे
उन्होंने
घर
पर
नहीं
बताया।
अपर
पुलिस
अधीक्षक
ने
बताया
कि
पोस्टमॉर्टम
रिपोर्ट
में
अजय
की
मौत
का
कारण
अज्ञात
बताया
गया
जिसके
बाद
उसकी
हड्डी
की
फॉरेंसिक
जांच
के
लिए
भेजा
गया
है।
उन्होंने
कहा
कि
सभी
लड़कों
का
पॉलीग्राफ
टेस्ट
भी
किया
जाएगा।
अगर
इस
संबंध
में
कोई
झूठ
बोल
रहा
है
तो
वह
टेस्ट
में
निकल
कर
सामने
आ
जाएगा।
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