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गरीबी से लड़ाई लड़कर चैंपियन टीम की चैंपियन प्लेयर बनी हैं अर्चना देवी, पढ़िए उनके संघर्ष की कहानी

टीम इंडिया की ऑफ स्पिनर अर्चना देवी ने फाइनल में शानदार प्रदर्शन किया। अर्चना देवी ने 3 ओवर में 17 रन देकर 2 विकेट चटकाए और एक शानदार कैच भी पकड़ा।

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Archna Devi

लड़की ने जिंदगी में बहुत संघर्ष किया। पिता बचपन में गुजर गये। अकेली मां पर परिवार की जिम्मेदारी थी। गाय-भैंस पाल कर घर चलाया। पैसा नहीं था। बैट-बॉल खरीद नहीं सकती थी। लेकिन क्रिकेटर बनने का जुनून था। रास्ता आसान नहीं था। उसने मेहनत की। तूफान में दीया जलाया। आज यह दीपक भारत के राष्ट्रीय क्रिकेट को अपनी रोशनी से जगमग कर रहा है। उसने साबित किया कि क्रिकेट सिर्फ अमीरों का खेल नहीं। गरीब भी क्रिकेटर बन सकते हैं। बस, काबिलियत होनी चाहिए।

अर्चना देवी की कहानी

उसकी जिद के आगे मुश्किलों ने भी सिर झुका लिया। सहयोग, समर्थन और मेहनत से उसका सपना पूरा हुआ। आज उसने अंडर-19 महिला टी-20 क्रिकेट विश्वकप के फाइनल में शानदार गेंदबाजी की। उसने दो विकेट लेकर इंग्लैंड को 68 पर समेटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी का नाम है अर्चना देवी। अर्चना ने इस विश्वकप में अपनी शानदार गेंदबाजी से तहलका मचा दिया। वह विकट टेकर तो है ही। बहुत किफायती और शानदार फील्डर भी है। अर्चना दाएं हाथ की हाथ की ऑफ ब्रेक गेंदबाज है। तीता साधु और अर्चना ने शुरू में इंग्लैंड के 2-2 विकेट लेकर भारतीय जीत की जमीन तैयार कर दी थी। सातवें ओवर में ही इंग्लैंड का स्कोर 23 रन पर 4 विकेट हो चुका था।

फाइनल में अर्चना का शानदार खेल

अंडर-19 महिला टी-20 विश्वकप के फाइनल में अर्चना का गेंदबाजी विश्लेषण देखिए। 3 ओवर, 17 रन और 2 विकेट। अर्चना ऑफ स्पिनर हैं। लेकिन उन्हें मैच का दूसरा ओवर करने के लिए बुलाया गया। एक तरफ से तीता साधु तेज गेंदबाजी कर रही थीं तो दूसरी तरफ से अर्चना स्पिन का मोर्चा संभाले हुए थी। फाइनल में भी उसका शानदार प्रदर्शन जारी रहा। अर्चना ने मैच के चौथे और अपने दूसरे ओवर में दो विकेट लेकर इंग्लैंड के खेमे में खलबली मचा दी। तीसरी गेंद पर उन्होंने हॉलैंड को बोल्ड आउट किया। फिर छठी गेंद पर इंग्लैंड की कप्तान स्क्रिवेंस को कैच करा कर पवेलियन भेजा। इसके अलावा उसने एक्स्ट्रा कवर में रेयान मैकडोनाल्ड का डाइविंग कैच लेकर अपनी हाईक्वालिटी फील्डिंग का नमूना भी पेश किया। उन्होंने जोंडी रॉड्स की तरह हवा में छलांग लगा कर एक हाथ से यह कैच पकड़ा था।

पूरे विश्वकप में प्रभावशाली गेंदबाजी

अर्चना देवी पहले तेज गेंदबाज बनना चाहती थीं। लेकिन कोच के कहने पर उन्होंने ऑफ स्पिन गेंदबाजी शुरू की। इसका नतीजा आज सबके सामने है। पूरे विश्वकप में उनकी गेंदबाजी बहुत प्रभावशाली रही। स्कॉटलैंड के खिलाफ उन्होंने 4 ओवर में 14 रन दे कर तीन विकेट लिये थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हालांकि भारत हार गया था। लेकिन इस मैच में उन्होंने बहुत कसी हुई गेंदबाजी की थी। ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए केवल 88 रन बनाने थे। इसके बावजूद अर्चना का बॉलिंग विश्लेष्ण रहा, 2 ओवर 7 रन और एक विकेट। यानी उसकी गेंदों पर रन बनाना आसान नहीं है। श्रीलंका के खिलाफ उसने 4 ओवर में सिर्फ 15 रन खर्च किये थे और एक विकेट लिया था। सेमीफाइनल में उसने न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 ओवर में 20 रन देकर एक विकेट लिया था।

गरीबी से लड़कर बनी सितारा

उत्तर प्रदेश का उन्नाव जिला। तहसील-बांगरमऊ। गांव- रतईपुरवा। इसी गांव में जन्म हुआ है अर्चना देवी का। इस गांव से करीब 20 किलोमीटर दूर गंज मोरादाबाद में एक सरकारी स्कूल है- कस्तूरबा गांधी आवसीय बालिका विद्यालय। सभी लड़कियां होस्टल में रह कर पढ़ाई करती हैं। इसी स्कूल ने अर्चना की किस्मत बदल दी। स्कूल में एक दिन दौड़ प्रतियोगिता हुई। जब अर्चना को जीत मिली तो शिक्षिका पूनम गुप्ता ने उसके एथेलेटिक पोटेंशियल को परख लिया। उन्होंने अर्चना को क्रिकेट खेलने की सलाह दी। पूनम गुप्ता ही अर्चना को लेकर कानपुर के क्रिकेट प्रशिक्षक कपिल पांडेय के पास ले कर आयीं थीं।

कुलदीप यादव से भी सीखा

कपिल पांडेय भारतीय क्रिकेटर कुलदीप यादव के कोच रहे हैं। कुलदीप उनकी एकेडमी में आज भी प्रैक्टिस करते हैं। एक समय अर्चना और कुलदीप यहां एक साथ अभ्यास करते थे। अर्चना ने कुलदीप से बहुत कुछ सीखा है। पूर्व क्रिकेट प्रशासक संजय कपूर और बिजनेसमैन सुकांत बनर्जी ने भी उसकी बहुत मदद की। सुकांत बनर्जी अर्चना को हर महीने 4 हजार रुपये की मदद देत थे ताकि वह अपनी क्रिकेट अभ्यास को जारी रख सके। इस मुकाम पर पहुंचने के बाद भी अर्चना अपने बीते दिनों को भूली नहीं है। वह कहती है, अगर पूनम मैम, कपिल सर, सुकांत सर, संजय सर और कपलदीप भइया का साथ नहीं मिला होता तो मैं इस मुकाम पर कभी नहीं पहुंचती। मैं जो कुछ भी हूं, इनकी वजह से हूं।

अंडर 19 टीम की स्टार अर्चना देवी की कहानी ला देगी आंख में आंसू, मां की जिद ने बनाया क्रिकेटरअंडर 19 टीम की स्टार अर्चना देवी की कहानी ला देगी आंख में आंसू, मां की जिद ने बनाया क्रिकेटर

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English summary
Archana Devi has become the champion player of the champion team after fighting poverty
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