IPS KP Singh : रिटायर होते ही क्यों चले VHP की राह? 35 साल की सर्विस में 18 साल Prayagraj में पोस्टेड रहे
IPS Kavindra Pratap singh : उत्तर प्रदेश में अधिकारियों का राजनीतिक प्रेम बढ़ता जा रहा है। पूर्व डीजीपी बृजलाल, असीम के बाद अब पूर्व आईपीएस केपी सिंह ने विश्व हिंदू परिषद की राह पकड़ी है।
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IPS KP Singh : देश में अधिकारियों का राजनीतिक प्रेम कोई नई बात नहीं है। लेकिन यूपी में इन दिनों एक लहर सी चल पड़ी है। यहां तक कि कुछ अधिकारी तो इस्तीफा देकर राजनीतिक पार्टियों का दामन थाम रहे हैं।
बात करें तो आईपीएस अधिकारियों में कुछ ज्यादा ही तेजी दिख रही है। पूर्व डीजीपी बृजलाल, आईजी और कानपुर कमिश्नर रहे चुके असीम अरुण और अब आईपीएस रहे केपी सिंह उर्फ कावेंद्र प्रताप सिंह ने विश्व हिंदु परिषद की राह पकड़ी है। साथ ही बड़े पद से नवाजे गए हैं।
दो दिन पहले रिटायर हुए IPS KP Singh
उत्तर प्रदेश कैडर में पूर्व आईपीएस कावेंद्र प्रताप सिंह प्रयागराज में 18-19 साल तक सेवा के दौरान तैनात रहे हैं। जो की एक बड़ी चर्चा का विषय बने हुए हैं। इसके साथ ही दो दिन पहले रिटायर हुए आईपीएस और एडीजी जोन रह चुके प्रेम प्रकाश ने भी सीएम योगी से मुलाकात करके नई चर्चा को जन्म दे दिया है।
यूपी में आईपीएस लॉबी के बीच राजनीतिक प्रेम को लेकर जमकर चर्चा है। क्योंकि प्रयागराज में आईजी रहे पुलिस अफसर कविंद्र प्रताप सिंह ने रिटायरमेंट के बाद विश्व हिंदू परिषद जॉइन कर लिया है। उन्हें विहिप ने काशी प्रांत का अध्यक्ष बनाया है।
35 वर्ष की सर्विस के बाद वह पुलिस सेवा से रिटायर हो गए
मूल रूप से सोनभद्र के रहने वाले केपी सिंह प्रयागराज में एसपी रेलवे, एसपी ट्रैफिक कुंभ मेला 2013, डीआईजी कुंभ मेला 2019 और आईजी प्रयागराज जैसे पदों पर काम कर चुके हैं। उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बीएससी, एमएससी, एलएलबी और एलएलएम की पढ़ाई की है। पिछले साल ही 35 वर्ष की सर्विस के बाद वह पुलिस सेवा से रिटायर हो गए।
नया अध्यक्ष बनते की कई मुद्दों पर अपनी राय रखी
पूर्व अधिकारी कवींद्र प्रताप सिंह ने काशी प्रांत के विश्व हिंदू परिषद का नया अध्यक्ष बनते की कई मुद्दों पर अपनी राय रखी। कवींद्र प्रताप सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि संगठन उन युवाओं में संस्कार लाने के लिए हिंदू परिवारों को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा, जो अपने महान मूल्यों और परंपराओं की अनदेखी करके पश्चिमी संस्कृति का अंधानुकरण कर रहे हैं।
इस बीच विहिप ने उत्तर प्रदेश के तीन जिलों की झुग्गी-झोपड़ियों में धर्मांतरण देखने के बाद संस्कार शालाओं की शुरुआत की है। इन संस्कार शालाओं के अंतर्गत झुग्गी-झोपड़ियों के बच्चों को सनातन संस्कृति और समृद्ध विरासत, त्योहारों, योग आदि के बारे में पढ़ाया जाता है। कवींद्र प्रताप सिंह ने उत्तर प्रदेश में लगभग 35 साल की उत्कृष्ट पुलिस सेवा पूरी कर ली है। इन वर्षों में उन्होंने बस्ती, प्रयागराज, देवरिया, बहराइच, सीतापुर, फतेहपुर और अयोध्या जैसे कई जिलों में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दी थीं।
महंत की मौत के बाद विवादों में भी घिरे
केपी सिंह ने प्रयागराज में सेवा की लंबी रेखा खींची थी। यहां वो करीब सेवा के 18 रहे। सफल कुंभ के लिए मिली तारीफ तो महंत की मौत के बाद विवादों में भी घिरे। महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद उनके शिष्य रहे आनंद गिरि ने कई संगीन आरोप केपी सिंह के ऊपर लगाए थे।
यह चर्चा तब और तेज हो गई जब अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उनके व मठ के रिश्तों को लेकर सवाल उठे। कभी महंत के साथ ही उनके बेहद करीबियों में शुमार आनंद गिरि की ओर से लगाए गए आरोपों से भी उनका नाम विवादों में रहा।हरिद्वार में गिरफ्तारी से पहले और फिर गिरफ्तारी के बाद भी आनंद गिरि ने उन पर गंभीर आरोप लगाए और महंत की मौत को लेकर उनकी भूमिका पर भी सवाल उठाए। महंत की मौत के बाद घटना स्थल पर सबसे पहलेआईजी केपी सिंह पहुंचे थे।
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