संगम तट पर होने वाली गंगा आरती है कुछ खास
इलाहाबाद। संगम यहां आस्था की डुबकी लगाने के लिए हजारो लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती है। इस बार भी संगम के तट पर आयोजित माघ मेले में बड़ी संख्या में लोगों का आने का सिलसिला जारी है। माघ मेले के दौरान संगम तट एक छोटे शहर की भांति बस जाता है और यहां कई अखाड़े, साधू, संत और समाजसेवी संगठन यहां अपना डेरा लगाते है।
संगम तट पर साइबेरियन पक्षी हैं खास आकर्षण
लेकिन इन सब से इतर जिस चीज का हर किसी को इंतजार रहता है वह है यहां शाम को होने वाली गंगा आरती। गंगा आरती के लिए यहां काफी लोग इकट्ठा होते हैं। गंगा आरती में शामिल होने के लिए ना सिर्फ साधारण जन बल्कि शहर के माननीय भी यहां इकट्ठा होते हैं।
कुंभ नगरी में लगता है आस्था का संगम
बड़ी संख्या में लोग संगम की डुबकी के लिए यहां आते हैं।
शाम की गंगा आरती के लिए जमा होती हैं सख्शियत
शाम को होने वाली गंगा आरती के लिए साधु संतों के अलावा बड़ी सख्शियतें भी होती है इकट्ठा।
दर्जनों लोग पारंपरिक वेशभूषा में करते हैं आरती
दर्जनों लोग पारंपरिक वेशभूषा में करते हैं आरती।
रीति रिवाज का होता है अहम स्थान
आरती से पहले हर रीति रिवाज का विशेष खयाल रखा जाता है।
सफाई का होता है विशेष प्रबंध
आरती स्थल पर आरती से पहले यहां सफाई के लिए दर्जनों लोग जुटते हैं।
रोशनी से नहा जाता है आरती स्थल
शाम को आरती के लिए विशेष प्रकाश की व्यवस्था होती है जिससे गंगा तट रोशनी से नहा जाता है।
गणपति के आह्वाहन से होती है आरती की शुरुआत
आरती से पहले लोग गणपति का आह्वाहन करते हैं।
पहले होता है शुद्धिकरण
आरती से पहले कई वैदिक मंत्रोच्चारण के जरिए होता है कि स्थल का शुद्धीकरण।
एक साथ जलते हैं सैकड़ों दीये
गंगा आऱती के लिए दर्जनों पंडित सैकड़ों दीयों का प्रज्वलन करके आरती करते हैं।
आस्था की डुबकी बाद गंगा मां का उद्घोष
गंगा में डुबकी के बाद लोग गंगा आरती में शामिल होने के लिए देर शाम तक रुकते हैं।