कौशांबी में बदल सकते है समीकरण, राजा भैया और बीजेपी में गठबंधन की तैयारी
कौशांबी। यूपी के बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल ने कौशांबी व प्रतापगढ लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशियों की घोषणा कर सभी दलों के समीकरण बिगाड़ दिए है। साथ ही चर्चा है कि राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के साथ बीजेपी गठबंधन कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने उन्हें 'कमल के फूल' पर दो सीटों प्रतापगढ़ और कौशांबी से चुनाव लड़ने को कहा था। लेकिन राजा भैया ने बीजेपी को प्रस्ताव दिया है कि प्रतापगढ़ और कौशांबी सीटों पर वे अपने चुनाव चिन्ह 'खेलता फुटबाल' पर चुनाव लड़ेंगे।
राजा भैया का वर्चस्व
कौशांबी सीट पर राजा भैया के वर्चस्व वाले क्षेत्र का हिस्सा है, इस सीट पर राजा भैया की तूती बोलती है। ऐसे में राजा भैया अपना पैर नहीं खींचना चाहते और कौशांबी को हर हाल में अपने लिये मांग रहे हैं। जबकि कौशांबी के साथ प्रतापगढ सीट की भी मांग उन्होंने की है। भाजपा के लिए प्रतापगढ़ सीट देने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन कौशांबी पर उहापोह की स्थिति अभी बनी हुई है। एक दिन पहले ही विनोद सोनकर का नाम भाजपा की टिकट लिस्ट वाली सूची में आ गया है और वह बीजेपी के प्रत्याशी बनाये गये हैं। वहीं जनसत्ता दल के प्रत्याशी प्रत्याशी शैलेन्द्र पिछले 2 महीने से चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं और अपने चुनाव प्रचार प्रसार को धार दे रहे हैं।
गठबंधन हुआ तो आसार ज्यादा
भारतीय जनता पार्टी और जनसत्ता दल के बीच अगर कौशांबी व प्रतापगढ लोकसभा सीट पर गठबंधन होता है और यह सीटें राजा भैया को दी जाती है, तो यहां जीत की संभावनाएं अधिक प्रबल होंगी। चूंकि राजा भैया के वर्चस्व वाले इन क्षेत्रों में राजा भैया के नाम पर एकतरफा वोट विधान सभा चुनाव व पंचायत चुनाव में पड़ते हैं। लोग राजा भैया की फोटो पंपलेट पर लगाकर जीत हासिल कर लेते हैं। ऐसे में बीजेपी के सामने विकल्प और समस्या दोनों है। अगर बीजेपी सोनकर का टिकट काटती है तो बीजेपी को विरोध का सामना करना पडेगा, क्योंकि सोनकर को राष्ट्रीय स्तर पर पद देने के बाद बीजेपी पहले ही उनका कद बढ़ा चुकी है। लेकिन, टिकट नहीं काटती तो भाजपा के मूल सवर्ण वोटर इस भार भटकेंगे और राजा भैया के नाम पर वोट जरूर करेंगे। ऐसे में भाजपा के वोटों में ही सेंध लगेगी और यहां सपा बसपा गठबंधन व कांग्रेस को इसका फायदा होगा।
गठबंधन की तैयारी पूरी
जनसत्ता दल और बीजेपी के बीच गठबंधन की खबर पिछले 1 महीने से अधिक समय से वायरल है। इस खबर को किसी ने नकारा नहीं तो संभावनाओं को अधिक बल मिला था। इसके बाद भाजपा नेताओं का राजा भैया से संपर्क और बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ, जो पहले भी कयी मंचों पर नजर आया था। फिलहाल जनसत्ता दल से बीजेपी के गठबंधन की तैयारी लगभग पूरी कर ली गयी है और किसी भी समय आधिकारिक घोषणा की जा सकती है।
अंदरूनी रिपोर्ट से मुहर
फिलहाल दोनों दलों के स्थानीय नेताओं से इस पर रिपोर्ट मांगी गयी है। कहीं कोई विवाद और विद्रोह की स्थिति न उत्पन्न हो इसके लिए लगातार पदाधिकारियों के साथ मंत्रणा का दौर भी चल रहा है। फिलहाल बीजेपी से गठबंधन में राजा भैया को कोई नुकसान नहीं होने वाला है और संभावना है कि उनकी पार्टी अपने पहले ही चुनाव में अपना खाता खोलने में सफल हो जायेगी। भाजपा भी सपा बसपा गठबंधान के बाद समीकरण बदलने वाली सीटों पर पहले से ही इस तरह के विकल्पों की तलाश कर रही है। अनुप्रिया पटेल व राजभर को साधने के बाद राजा भैया को अपने साथ जोडकर लोकल राजनीति में बीजेपी खुद को मजबूत जरूर करना चाहेगी।