नमक-ग्लूकोज से नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन बनाकर कालाबाजारी करने वालों की संपत्ति हुई कुर्क
अहमदाबाद। कोरोना महामारी के प्रकोप के दरम्यान नकली इंजेक्शन बेचने और रेमेडिसविर की कालाबाजारी करने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अहम कार्रवाई की है। निदेशालय द्वारा ऐसे दो कारोबारियों पर शिकंजा कसा गया है, जो अपराध में लिप्त पाए गए थे। ईडी ने दोनों कारोबारियों की एक करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर दी है। ये दोनों कारोबारी गुजरात के ही हैं।
अधिकारियों ने बताया कि, गुजरात के कौशल महेंद्र भाई वोरा और पुनीत गुणवंतलाल शाह ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान कालाबाजारी की थी। उन पर नकली रेमेडिसविर इंजेक्शन बेचने के आरोप भी लगे। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कदम उठाया। जिसमें कौशल महेंद्र भाई वोरा और पुनीत गुणवंतलाल शाह की 1.04 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है। इन दोनों पर मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में नकली रेमेडिसविर इंजेक्शन बेचने के आरोप भी हैं।
अधिकारियों का कहना है कि, संकट के दौरान इन दोनों ने अत्यधिक कीमत पर इंजेक्शन बेचे। गौरतलब हो कि इस मामले पर पिछले साल खबरें आई थीं कि ईडी ने आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। इसके बाद जांच में ये पाया गया कि इन इंजेक्शनों की आपूर्ति गुजरात के सूरत से हुई थी। गुजरात की मोरबी पुलिस ने सूरत की मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के कई आरोपियों पर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के संबंध में FIR दर्ज की थी। ईडी ने बताया कि संदिग्ध लोगों ने नकली इंजेक्शन मध्य प्रदेश के कई थोक विक्रेताओं, खुदरा ग्राहकों और अस्पतालों को बेचे।
गुजरात के अलावा मध्य प्रदेश की इंदौर पुलिस ने भी इंदौर में नकली रेमेडिसविर इंजेक्शन बेचने का प्रयास करने वाले कुछ व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। यह सामने आया कि, आरोपी एक प्रतिष्ठित ब्रांड की तरह दिखने वाले नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का निर्माण करते पाए गए। वहीं, अधिकारियों ने कहा कि, ब्रांडेड इंजेक्शन की तरह दिखने वाली बोतले में नकली रेमेडिसविर इंजेक्शन का निर्माण किया जा रहा था। ब्रांडेड स्टीकर का इस्तेमाल कर बोतलों में ग्लूकोज और नमक मिलाकर लिक्विड तैयार किया।
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गुजरात में ही मोरबी पुलिस ने सूरत में फार्महाउस पर छापेमारी के दौरान खाली बोतलें, बड़ी मात्रा में ग्लूकोज और नमक, पैकिंग सामग्री, नकली स्टिकर और अन्य कच्चा माल जब्त किया था। अब कई महीने बाद इस मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है।