वैज्ञानिकों की चेतावनी- भारत में फिर आ सकता है पहाड़ी सुनामी
नई दिल्ली (ब्यूरो)। बद्रीनाथ-केदारनाथ के दुर्गम पहाड़ों के बीच मची तबाही का सबसे बड़ा कारण समय से पहले बारिश वो भी ऐसी बारिश जिसमें बादल फटे और कई हजार गैलन पानी एक साथ पहाड़ों पर बरस पड़ा, जिस वजह से भूस्खलन हुआ और पहाड़ टूट-टूट कर नीचे आये। इस तबाही में 5000 लोगों के मारे जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है। लेकिन यह अंत नहीं है, ऐसी प्राकृतिक आपदाएं और भी आ सकती हैं, क्योंकि अब भारत में मॉनसून ऐसे खेल खेलने वाला है, जिनके बारे में आप सोचें तो आपकी रूह कांप जाये।
यह चेतावनी लंदन के वैज्ञानिकों ने दी है। पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इंपैक्ट रिसर्च के वैज्ञानिकों ने यह चेतावनी जारी करते हुए कहा कि इसके पीछे कारण ग्लोबल वॉर्मिंग है। ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से भारतीय मॉनसून में उतार-चढ़ाव देखे जा रहे हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि एक बार फिर पहाड़ी सुनामी आ जाये।
वैज्ञानिकों ने पाया कि प्रति दिन मॉनसून रेनफॉल में 12 प्रतिशत तक परिवर्तन देखे जा रहे हैं, जबकि पहले 4 प्रतिशत तक परिवर्तन दिखते थे। वैज्ञानिकों ने कहा कि इस साल भारत का तापमान पूरे समय सामान्य से एक डिग्री अधिक रहेगा। ग्रीन हाउस गैसों के लगातार उत्सर्जन के कारण तापमान में वेरिएशन यानी परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं वो भी 13 से लेकर 50 फीसदी तक।
वैज्ञानिक एंडर्स लीवरमैन ने अपने शोधपत्र में लिखा कि भारत में 80 फीसदी बारिश जून से सितंबर के बीच होती है। लेकिन इस साल इसमें परिवर्तन दिखाई दे सकता है। ऐसे में अनियमित बारिश की आशंका भी बनी हुई है, यानी जहां पानी आम तौर पर अधिक बरसता था, वहां कम बारिश हो सकती है, और जहां अधिक बारिश होती थी, वहां कम हो सकी है। यानी अगर यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश और पंजाब में अच्छी बारिश नहीं हुई तो सूखे की आशंका पैदा हो सकती है, जिस वजह से अनाज महंगा हो सकता है। हालांकि वैज्ञानिकों ने यह नहीं बताया कि विपरीत मंजर कहां देखने को मिल सकते हैं।