खेलें फूलों की होली, पानी बचाएं
लखनऊ। होली में पानी की बर्बादी का कारण होली खेलने का गलत तरीका है। हम ऐसे रंगों से होली खेलते हैं, जिन्हें छुड़ाने में पानी का अत्यधिक प्रयोग करना पड़ता है। ऐसे में लखनऊ की संस्था 'आई रीड' ने लोगों से होली के दिन रंग छुड़ाने में पानी की भारी बर्बादी रोकने के लिए इस वर्ष फूलों की होली खेलने की अपील की है।
आई
रीड
की
निदेशक
डॉ.
अर्चना
ने
कहा
कि
आने
वाले
वर्षो
में
जल
संकट
की
आहट
आज
शहरों
में
पानी
के
लिए
लोगों
की
लंबी-लंबी
लाइनें
लगी
देख
कर
महसूस
और
देखी
जा
सकती
है।
यही
नहीं,
आज
बाजार
में
उपलब्ध
अधिकतर
रंगों
को
तैयार
करने
में
ऐसे
केमिकल
(रसायन)
मिलाए
जाते
हैं
जो
त्वचा
को
नुकसान
पहुंचाते
हैं
और
पानी
को
भी
प्रदूषित
करते
हैं।
उन्होंने
बताया
कि
होली
के
दिन
करीब-करीब
छोटे
शहरों
में
पानी
की
एक
से
दो
करोड़
लीटर
की
अतिरिक्त
खपत
बढ़
जाती
है।
मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में खपत और भी ज्यादा होती है। ऐसे में होली में पानी की बर्बादी को रोकने की आवश्यकता आज पहले से कहीं ज्यादा है। डॉ. अर्चना ने बताया कि लोगों को जीवन में जल के महžव को बताते हुए फूलों से होली खेलने की सलाह दी गई है, ताकि पानी की बर्बादी को हम कम कर सकें। आई रीड द्वारा फूलों की होली को लोकप्रिय बनाने के लिए अभियान शुरू किया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।