वाड्रा-डीएलएफ के दलदल में चौटाला ने राहुल को घसीटा
इनेलो प्रमुख ने कहा कि पलवल जिले के हसनपुर गांव में सिर्फ राबर्ट वाड्रा द्वारा ही नहीं बल्कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी द्वारा भी कौडिय़ों के दामों पर जमीनें खरीदी गई हैं और इन सभी मामलों की जांच शुरू करने वाले आईएएस अधिकारी अशोक खेमका का हुड्डा सरकार द्वारा रातोंरात तबादला इसीलिए किया गया ताकि इन घपलों और घोटालों की और परतें न खुल सकें।
उन्होंने राबर्ट वाड्रा द्वारा पलवल जिले के हसनपुर में खरीदी गई जमीनों के दस्तावेज जारी करने के साथ-साथ कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी द्वारा भी उन्हीं लोगों से भूमि खरीदे जाने संबंधी भी दस्तावेज जारी करते हुए कहा कि हुड्डा सरकार के सत्ता में रहते इन घपलों और घोटालों की निष्पक्ष जांच सम्भव नहीं है।
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इनेलो प्रमुख ने बुधवार को जालंधर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राबर्ट वाड्रा ने अपने नाम पर और अपनी कंपनियों मैसर्ज रियल अर्थ अस्टेट प्रा.लि. और स्काई लाइट रियल्टी प्रा. लि. के नाम पर हसनपुर में 74 एकड़ 13 मरला जमीन मात्र एक करोड़ 64 लाख रुपए में खरीदी थी। इन आठ रजिस्ट्रियों में से मार्च 2008 में करवाई गई एक रजिस्ट्री के समय कलेक्टर रेट 6 लाख रुपए प्रति एकड़ था जबकि अन्य रजिस्ट्रियां जब करवाई गई उस समय हसनपुर गांव में उपायुक्त फरीदाबाद के पत्र क्रमांक 571-74 दिनांक 11.4.2008 के अनुसार जमीन का कलेक्टर रेट 8 लाख रुपए प्रति एकड़ हुआ करता था। उन्होंने कहा कि खरीदी गई इन जमीनों में से करीब एक तिहाई जमीनें सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों को सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाई गई जमीनों में से थी। उन्होंने कहा कि दलित परिवारों ने विभिन्न चैनलों को यह बताया भी था कि उनसे दबाव में जमीनें ली गई।
उन्होंने कहा कि राबर्ट वाड्रा और राहुल गांधी ने 3 मार्च, 2008 को गुडग़ांव निवासी एचएल पाहवा से नौ एकड़ जमीन मात्र चार लाख 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर पर खरीदी और रजिस्ट्री के दस्तावेजों में कलेक्टर रेट डेढ़ लाख रुपया दिखाया गया जबकि उस समय उपायुक्त द्वारा जारी पत्र क्रमांक 924-27आरए दिनांक 13-7-2007 के अनुसार हसनपुर गांव में कलेक्टर रेट छह लाख रुपए प्रति एकड़ हुआ करता था। जिस व्यक्ति से हसनपुर में वाड्रा ने जमीन खरीदी वहीं साथ लगती जमीन उसी व्यक्ति से राहुल गांधी के नाम पर भी खरीदी गई और खरीददार का नाम राहुल गांधी पुत्र स्व. श्री राजीव गांधी, निवासी नई दिल्ली दर्ज किया गया और ठीक उसी रेट पर रजिस्ट्री करवाई गई जिस रेट पर वाड्रा के नाम पर रजिस्ट्रियां हुई थी। दोनों रजिस्ट्रियां विक्रेता के तौर पर एचएल पाहवा ने करवाई और खरीददार राबर्ट वाड्रा व राहुल गांधी की ओर से रजिस्ट्री के समय महेश कुमार नागर नामक व्यक्ति तहसील में पेश हुए और रजिस्ट्री नंबर 11673 और 11674 दिनांक 3 मार्च, 2008 को दर्ज हुई।
इनेलो प्रमुख ने कहा कि कलेक्टर रेट से कम जिन लोगों के नाम रजिस्ट्रियां हुई उनमें बड़े-बड़े प्रभावशाली राजनेताओं व उनके पारिवारिक सदस्यों का नाम उजागर होने के बाद रजिस्ट्री विभाग के आईजी अशोक खेमका का तबादला हुड्डा सरकार द्वारा प्रदेश में जमीनों के नाम पर हो रहे घपलों और घोटालों पर पर्दा डालने का प्रयास है। इनेलो प्रमुख ने कहा कि राबर्ट वाड्रा ने औसतन ढाई लाख रुपए प्रति एकड़ की दर पर पलवल जिले के हसनपुर में और मेवात जिले के शकरपुरी गांव में जमीनें खरीदी हैं, उनका कलेक्टर रेट कहीं ज्यादा है और सारी जमीनें कलेक्टर रेट से कम पर खरीदी दिखाई गई।
उन्होंने कहा कि खेमका ने राबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के बीच साढे तीन एकड़ भूमि को लेकर हुए सौदे को भी रद्द करने के आदेश दिए हैं वह सौदा अपने आपमें एक बहुत बड़े घोटाले की ओर इशारा करता है। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान करीब 21 हजार एकड़ भूमि के लाइसेंस जारी किए गए और इस प्रक्रिया के दौरान अरबों रुपए का घोटाला किया गया।
चौटाला ने कहा कि अगर सभी जमीन घोटालों और प्रभावशाली लोगों के परिवारों द्वारा खरीदी गई जमीनों की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच करवाई जाए तो ये घोटाले निश्चित पर अरबों रुपए के साबित होंगे। इनेलो प्रमुख ने सेज के नाम पर बड़े-बड़े औद्योगिक घरानों को जमीनें देने के मामलों को लेकर भी सरकार की तीखी आलोचना की। उन्होंने प्रदेश में बढ़ते अपराधों और गैंगरेप की घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। इस अवसर पर इनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरएस चौधरी, पार्टी प्रवक्ता डॉ. केसी बांगड़ व पार्टी के मीडिया प्रभारी राम सिंह बराड़ भी मौजूद थे।