बारिश नहीं हुई तो बेंगलुरु-मुंबई में मचेगा हाहाकार
बेंगलुरु तो एक मात्र उदाहरण है, ऐसा ही कुछ आलम पुणे, मुंबई, नागपुर, नासिक, आदि शहरों का भी है। सभी बड़े शहरों में ग्राउंड वॉटर यानी भूगर्भ जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है और इस वजह से पानी की सबसे ज्यादा किल्लत मेट्रो व 2 टीयर शहरों में सबसे ज्यादा हो रही है।
पानी की कीमत देखकर आपके होश उड़ जायेंगे। बेंगलुरु में 4000 लीटर पानी की कीमत 300 से 400 के बीच है। वहीं जिन इलाकों में किल्लत ज्यादा है, वहां कीमत 500 से 600 रुपए तक चली गई है। 20 परिवार वाले अपार्टमेंट में एक दिन में 5000 लीटर पानी खर्च होता है, यानी 500 रुपए के हिसाब से महीने के पंद्रह हजार सिर्फ पानी पर खर्च होता है। वहीं नवी मुंबई की बात करें तो यहां 5000 लीटर पानी की कीमत 2000 से 2500 रुपए तक है। पिछले सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो वहां एक-एक टैंक की कीमत तीन-तीन हजार रुपए तक देखी गई है।
इस साल स्थिति दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है। बेंगलुरु में हर रोज़ तमाम बोरवेल सूखते जा रहे हैं। शहर के अंदर से पानी खत्म होता जा रहा है। लेकिन सरकार ने इस संबंध में किसी भी नीति का खुलासा नहीं किया है। न तो कर्नाटक सरकार ने अभी तक पानी के संकट से जूझने की कोई नीति स्पष्ट की है और न महाराष्ट्र सरकार ने। खैर महाराष्ट्र सरकार की बात क्या की जाये, जो इस समय सत्ता के घालमेल में फंसी हुई है। यही दो राज्य ऐसे हैं, जिन्हें सूखाग्रस्त घोषित किया जा सकता है।