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सोनिया गांधी को अध्‍यक्ष बनाने के विरोध में थे नरसिम्‍हा राव

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Late Prime minister PV Narasimha Rao and Sonia Gandhi
राजीव गांधी की हत्‍या के बाद जब सोनिया गांधी को कांगेस अध्‍यक्ष बनाने की बात आयी तो पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्‍हा राव ने इस सुझाव पर तीखी प्रक्रिया व्‍यक्‍त की थी। उन्‍होंने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि कांग्रेस को क्‍यों नेहरू-गांधी परिवार का जागीर बनाना चाहते है। उन्‍होंने कहा था कि यह जरूरी नहीं है क‍ि कांग्रेस शिर्ष पद हमेशा गांधी परिवार से ही जुडे़ रहे।

दिवंगत कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह की जारी होने वाली आत्‍मकथा 'ए ग्रेन ऑफ सैंड इन द हावरग्लास ऑफ टाइम' में इस बात का खुलासा किया गया है। इस किबात में कहा गया है कि कांगेस अध्‍यक्ष पद पर सोनिया गांधी का विरोध करने पर कई लोग पीवी नरसिक्‍हा के विरोध में हो गये थे।

मई 1991 में राजीव गांधी की हत्‍या के बाद यह सवाल आ खड़ा हुआ था। अर्जुन सिंह ने जब नरसिम्‍हा राव को सुझाव दिया था तब उन्‍होंने झल्‍लाकर कहा था कि क्‍या यह जरूरी है कि कांग्रस पार्टी ट्रेन रहे और गांधी परिवार उसका इंजन बना रहे। कांग्रेस के सामने केवल गांधी-नेहरू परिवार ही विकल्‍प रहेगा।

उस समय के एआईसीसी के कोषाध्यक्ष सीताराम केसरी ने इस अध्‍यक्ष पद के लिए सोनिया गांधी को ठिक बताया। उसके बाद राव ने भी सोनिया का समर्थन करते हुए कहा कि इसमें कोई नुकसान नहीं है, लेकिन क्‍या सोनिया गांधी इस बात के लिए तैयार होंगी। इस 383 पन्‍नों वाली किताब के लेखक अशाक चोपड़ा है।

चोपड़ा ने कहा क‍ि सिंह का 4 मार्च को निधन हो गया था, उस समय वह अपनी आत्‍मकथा लिख रहे थे। चोपड़ा ने कहा कि उन्‍होंने सिंह के परिवार, मित्रों और सहयोगियों से बात करके उनकी बातों को लिखने का प्रयास किया है।

English summary
Late Prime minister PV Narasimha Rao was angry over the idea to made Sonia Gandhi as Congress chief.
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