कुछ यूं होगा लोकपाल बिल का प्रारूप
ऐसा होगा लोकपाल
;
1.
संरचना
:
एक
अध्यक्ष
और
आठ
सदस्द
2.
कार्यकाल
:
पांच
साल
3.
चयन
समिति
:
9
सदस्य
(पीएम,
लोकसभा
अध्यक्ष,
संसद
के
दोनों
सदनों
में
नेता
विपक्ष,
एक
केंद्रीय
मंत्री
(पीएम
द्वारा
नामित),
एक
सुप्रीम
कोर्ट
का
न्यायाधीश,
हाईकोर्ट
के
एक
न्यायाधीश
,
एक
न्यायविद्
और
एक
ख्यातिनाम
व्यक्ति)
जांच
के
दायरे
में
होंगे
:
अवर
सचिव
व
उससे
ऊपर
के
सभी
अधिकारी,
सरकारी
उपक्रमों
के
अफसर,
सरकारी
सहायता
प्राप्त
गैर
सरकारी
संगठनों
का
कामकाज
4.
समय-सीमा
:
लोकपाल
सात
साल
तक
ही
पुराने
किसी
मामले
की
जांच
कर
पाएगा।
5.
ऐसे
काम
करेगा
लोकपाल
:
शिकायत
की
स्वीकार्यता
आंकने
के
बाद
शुरू
करेगा
जांच,
जांच
कार्य
में
सीबीआई
या
राज्य
सरकारी
के
अधिकारियों
की
भी
सेवाएं
भी
ले
सकेगा
लोकपाल,
पड़ताल
के
बाद
अदालत
में
दर्ज
मामला
कराएगा।
सजा
का
अधिकार
अदालत
को
होगा।
किसी
अधिकारी
के
खिलाफ
जांच
के
लिए
भ्रष्टाचार
निरोधक
कानून
के
तहत
पूर्व
अनुमति
की
जरूरत
नहीं
होगी।
6.
ऐसे
हटाया
जाएगा
लोकपाल
:
सुप्रीम
कोर्ट
की
जांच
रिपोर्ट
राष्ट्रपति
को
भेजी
जाएगी
और
इस
पर
अंतिम
फैसला
राष्ट्रपति
को
होगा।