बाढ़ग्रस्त पाक में मदद के बदले तालिबान खड़े कर रहा नए लड़ाके
अधिकारियों ने समाचार पत्र 'द सन" को बताया कि दशक के अपनी सबसे बड़ी भर्ती के अभियान को शुरू करने के लिए तालिबान ने बाढ़ को एक अवसर के तौर पर देखा है। हजारों आतंकवादी बाढ़ से तबाह हुए इलाके में पीड़ितों की मदद के लिए निकल पड़े हैं।
उनका एजेंडा साफ है। भोजन और दवाओं के बदले वे चाहते हैं कि लोग उनके अभियान में हिस्सा लेने का वादा करें। इसके कारण पाकिस्तान और उससे लगे अफगानिस्तान के इलाकों में अलकायदा के सदस्यों की संख्या काफी अधिक बढ़ सकती है।
बाढ़ से पाकिस्तान में अब तक 1,600 लोगों की मौत हुई है और करीब दो करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। बताया जाता है कि नए लड़ाकों की भर्ती के पीछे अलकायदा समर्थित अल रहमान ट्रस्ट और जमाद-उद-दावा हैं। विशेषज्ञ इसे 'बाढ़ का तालिबानीकरण" बता रहे हैं।
पाकिस्तान के एक खुफिया अधिकारी के मुताबिक खबरें हैं कि तालिबान ने 50,000 नए लड़ाके भर्ती करने का लक्ष्य रखा है। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए यह विनाशक है।
पाकिस्तान
के
आंतरिक
मंत्री
रहमान
मलिक
ने
कहा
कि
आतंकवादियों
को
नायक
बनने
से
रोकने
के
लिए
और
अधिक
मदद
की
आवश्यकता
है।
उन्होंने
कहा
कि
मदद
की
काफी
अधिक
आवश्यकता
है।
निराशा
आतंकवाद
को
जन्म
देती
है।