उत्तराखण्ड में मुख्य सचिव पद के लिए उठापटक शुरू
अब तक की परंपरा के मुताबिक अतरिक्त मुख्य सचिव में से ही किसी एक को वरिष्ठता के आधार पर प्रमुख सचिव बनाया जाता रहा है। वर्तमान में अजय जोशी सबसे वरिष्ठ हैं, जबकि दूसरे अपर मुख्य सचिव सुनील कुमार मट्टू दूसरे स्थान पर और तीसरे स्थान पर तीसरे अपर मुख्य सचिव सुभाष कुमार आते हैं।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में हुई अपर मुख्य सचिवों की पदोन्नति में वरिष्ठता की अनदेखी की गई है। इसे चुनौती देते हुए जोशी ने मामले की शिकायत कैट में की है। फिलहाल वह उत्तराखण्ड प्रशासनिक अकादमी के महानिदेशक का पदभार ग्रहण कर एक महीने की लंबी छुट्टी पर चले गए हैं।
जोशी ने बताया कि वह साजिश का शिकार हो रहे हैं। अपर मुख्यसचिवों की पदोन्नति में वरिष्ठता को दरकिनार किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले को उन्होंने कैट के समक्ष रखा है, जिस पर सुनवाई 19 सितंबर को होगी।
वहीं कुछ दिनों पूर्व ही जोशी की प्रमुख सचिव पीसी शर्मा के साथ तनातनी की खबरें भी सामने आई थीं। गत शुक्रवार को अजय जोशी ने नैनीताल स्थित एटीआई में महानिदेशक का कार्यभार संभाल लिया, लेकिन वह एक माह के अवकाश पर चले गए हैं। उन्होंने सरकार को लिखित रूप से बता दिया है कि उन्हें खुद से वरिष्ठ अधिकारी की मुख्य सचिव के पद पर तैनाती मंजूर है, लेकिन कनिष्ठ की नहीं।
जोशी का आरोप है कि वरिष्ठ अधिकारियों की पदोन्नति करते समय केंद्र के नियमों की भी अनदेखी की गई है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने राज्यों द्वारा पदोन्नति में मनमानी की शिकयतें मिलने के बाद नियम बना दिया था कि केंद्र सरकार की मंजूरी के बगैर पदोन्नति मान्य नहीं होगी।
कहा यह भी जा रहा है कि राज्य सरकार ने अफसरों की पदोन्नति से पूर्व केंद्र की मंजूरी नहीं ली। यही चूक अब सरकार के साथ ही मुख्य सचिव के पद का ख्वाब पाले अफसरों के गले की फांस बन गई है।
जोशी के करीबी एक अधिकारी ने बताया कि यदि जोशी को दरकिनार कर किसी अन्य को राज्य का मुख्य सचिव बनाया गया तो यह मामला अदालत में जाना तय है।
गौरतलब है कि प्रदेश के वर्तमान मुख्य सचिव एन.एस. नपलच्याल का कार्यकाल पूरा हो गया है। वह सेवा विस्तार के तहत अभी पद पर बने हुए हैं। उनके सेवा विस्तार की अवधि 31 अक्टूबर को खत्म हो जाएगी। इसी बीच अगले मुख्य सचिव की घोषणा होनी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।