'मनरेगा' से ज्यादा असरदार होती 'पीपली लाइव' : आडवाणी
आडवाणी ने आमिर को असाधारण फिल्म निर्माता बताते हुए अपने ब्लॉग पर किए गए ताजा पोस्ट में लिखा है, "आमिर एक असाधारण फिल्म निर्माता हैं, जो लीक से हटकर फिल्म बनाने का प्रयोग करने में कभी नहीं हिचकिचाते। आमिर भले ही इस फिल्म के निर्देशक नहीं हैं और ही उन्होंने इसमें अभिनय किया है, लेकिन इसके बावजूद उनकी यह फिल्म प्रभावित करती है।"
बकौल आडवाणी, "मैंने आमिर से कहा मैं आंध्र प्रदेश और विदर्भ के उन गांवों में गया हूं जहां किसानों ने आत्म हत्याएं की हैं। मैं यह कल्पना कर सकता हूं कि उस वक्त वे किसान कितने व्यथित होंगे जब वे यह फिल्म देखेंगे और पाएंगे कि जिंदगी के जिस त्रासद दौर से वे गुजर चुके हैं, वह मजाक की वस्तु बन गई है।"
उन्होंने आगे लिखा है, "यह फिल्म बहुत प्रभावी होती यदि इसके केंद्र में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार ग्रामीण कानून (मनरेगा) जैसा कोई विषय होता।" इस कानून के तहत गरीब मजदूरों को साल में सौ दिन के रोजगार की गारंटी है।
उन्होंने कहा, "गत सप्ताह आमिर ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सांसदों के लिए एक विशेष शो का आयोजन किया था। उस दौरान मैंने उन्हें इसके लिए बधाई दी और कहा कि इस फिल्म में गांव के जीवन का परस्पर विरोधी यर्थाथवादी चित्रण किया है।"
आडवाणी ने फिल्म की निर्देशक अनुषा रिजवी और मुख्य कलाकार ओंकार दास मानिकपुरी के अभिनय की भी सराहना की। मानिकपुरी ने फिल्म में नत्था का जीवंत किरदार निभाया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।