'आजाद मामले में न्यायिक जांच की जरूरत नहीं'
प्रदेश पुलिस प्रमुख आर. आर. गिरीश ने कहा, "इस तरह की जांच की कोई आवश्यकता नहीं है।"
उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले की व्यापक जांच करेगी। उन्होंने कहा कि आजाद को पिछले महीने आदिलाबाद के जंगल में वास्तविक मुठभेड़ के दौरान मारा गया था। मुठभेड़ फर्जी होने का नक्सलियों द्वारा लगाया गया आरोप पूरी तरह आधारहीन है।
गिरीश ने आजाद की मौत के मामले में रेल मंत्री ममता बनर्जी के बयान पर टिप्पणी करने से इंकार किया।
उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) पर आरोप लगाया कि वह पोस्टमार्टम रिपोर्ट का केवल एक बिंदू बता रही है और उसे गलत तरीके से प्रस्तुत कर रही है।
उन्होंने कहा कि नक्सली हर बात के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराने की नीति पर काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि इस बात की चिंता बढ़ी है कि माओवादी झूठे आरोप लगाकर और विभिन्न संगठनों से ऐसे आरोप लगवाकर पूरी संसदीय ताकतें और पुलिस को पीछे धकेलने की नीति अपना रहे हैं।
पुलिस प्रमुख ने कहा, "इनके कैडर का कोई व्यक्ति जब अपने काम से गायब हो जाता है तो ये तुरंत उच्च न्यायालय या मानवाधिकार आयोग में याचिका लगा देते हैं कि पुलिस ने उसका अपहरण कर लिया। और जब वह व्यक्ति लौट आता है तो यह चुप हो जाते हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।