सांसदों की वेतनवृद्धि के खिलाफ नक्सली मनाएंगे काला दिवस
पीसीएपीए के प्रवक्ता मनोज महतो ने आईएएनएस को बताया, "कर्मचारियों के एक धड़े ने जब अपनी बकाया मजदूरी लेने से इंकार कर दिया है, ऐसे में सांसद 50,000 रुपये प्रतिमाह वेतन के साथ 50,000 रुपये का अतिरिक्त भत्ता लेने के हकदार कैसे हो सकते हैं?"
मनोज ने कहा, "अधिकांश सांसद जनता की बेहतरी के लिए कुछ भी नहीं करते। यहां तक कि वे संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास (एमपीएलएडी) योजना के तहत आवंटित राशि का बड़ा हिस्सा अपने पास रख लेते हैं।"
पीसीएपीए के प्रवक्ता ने कहा, "जनता से सेवाकर और आयकर के तौर पर वसूले गए करोड़ों रुपये सांसदों के वेतन पर खर्च कर दिए जाते हैं। इसलिए हम सरकार को अपने रुपये अनावश्यक खर्च करने की छूट नहीं दे सकते।"
उन्होंने कहा, "हमने सांसदों के वेतन में अनुचित वृद्धि का विरोध करने का निर्णय लिया है। जंगलमहल क्षेत्र (नक्सली प्रभावित पश्चिमी मिदनापुर, बांकुड़ा और पुरुलिया) के लोगों से हमने 27 और 28 अगस्त को काला दिवस मनाने का आह्वान किया है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।