लेह में प्रकृति से जूझ रहा है 'रैंचो' का स्कूल
नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। लेह से 15 किलोमीटर दूर स्थित ड्रक व्हाइट लोटस बौद्ध स्कूल वास्तुशिल्प का अद्भुत नमूना है लेकिन पिछले सप्ताह जम्मू एवं कश्मीर के इस क्षेत्र में बादल फटने से स्कूल को भी नुकसान पहुंचा। इस तबाही के बावजूद इस स्कूल में फिर से सब कुछ ठीक होने की उम्मीद है।
अभिनेता, निर्माता, निर्देशक आमिर खान की फिल्म '3 इडियट्स' के आखिरी हिस्से में इसे फिल्माए जाने के बाद से इस स्कूल को 'रैंचो के स्कूल' के नाम से जाना जाता है। इसकी भूकंप व बाढ़ रोधी तकनीक के चलते छह अगस्त को बाढ़ आने और भूस्खलन के बावजूद इसका ज्यादा नुकसान नहीं हुआ और इसे दोबारा खड़ा किया जा सकता है जबकि बादल फटने के कारण लेह के आस-पास के क्षेत्रों में 165 लोग मारे गए।
इस स्कूल को 2009 में विश्वस्तर का सबसे प्रेरणादायक निर्माण होने के लिए 'ब्रिटिश काउंसिल फॉर स्कूल एनवायरॉनमेंट' पुरस्कार मिला है।
प्राकृतिक आपदा में इस स्कूल को पहुंचे नुकसान के बाद आमिर इसे दोबारा खड़ा करने में मदद करना चाहते हैं।
उन्होंने मंगलवार को फेसबुक पर लिखा था, "हमने '3 इडियट्स' के लिए जिस स्कूल को लेह में फिल्माया था उसके बारे में सुनकर बहुत अचंभा और चिंता हुई। मैं प्रधानाचार्य से संपर्क की कोशिश कर रहा हूं। उम्मीद है कि उनसे जल्द संपर्क होगा।"
ब्रिटेन स्थित संस्था ड्रूक्पा ट्रस्ट इस स्कूल को चला रही है। संस्था के एक प्रवक्ता ने लंदन से फोन पर आईएएनएस को बताया कि स्कूल में 506 छात्र हैं और वहां रहने वाले सभी 200 छात्र सुरक्षित हैं।
स्कूल के प्रधानाचार्य प्रसाद एलीडाथ ने बताया कि राहत कार्य शुरू हो गया है और एक सप्ताह में स्कूल को दोबारा शुरू करने की योजना है।
अपने ईको-फ्रेंडली डिजाइन और स्थायी परियोजनाओं के लिए तीन अंतर्राष्ट्रीय वास्तुशिल्प पुरस्कार प्राप्त कर चुके इस स्कूल का निर्माण अरुप कंपनी ने किया है। अरुप को आपदा रोधी डिजाइन बनाने के लिए जाना जाता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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