नक्सल प्रभावित जिलों की विकास योजना में संशोधन होगा : चिदंबरम
चिदंबरम ने यह संकेत भी दिया कि नक्सल प्रभावित राज्यों में चलाए जा रहे विकास कार्यक्रम के लिए केंद्र सरकार द्वारा राशि जारी किए जाने की प्रक्रिया में तब्दीली की जाएगी।
'नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए वन प्रशासन' विषय पर आयोजित सम्मेलन में चिदंबरम ने कहा कि नक्सल प्रभावित जिलों के ढांचागत विकास के लिए समेकित कार्य योजना के तहत 13,742 करोड़ रुपये जल्द स्वीकृत किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि तीन वर्षो के लिए लागू होने वाली इस योजना का उद्देश्य है पेयजल, बिजली, सड़क, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाना।
चिदंबरम ने कहा, "प्रारंभिक तौर पर नक्सल प्रभावित 35 जिलों को प्राथमिक स्वास्थ्य, शैक्षणिक एवं स्वच्छता सुविधाओं के लिए 45-50 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।"
उन्होंने कहा, "यह योजना सुरक्षा से संबंधित मौजूदा योजना के अतिरिक्त लागू की जाएगी।"
नक्सलवाद से निपटने के लिए शुरू की गई पहली नीति की आलोचना होने के बाबत चिदंबरम ने कहा कि गरीबी उग्रपंथियों के पनपने की मुख्य वजह रही है। उन्होंने स्वीकार किया कि इस दिशा में सरकार जो कुछ कर रही है, उससे 'सार्थक बदलाव' नहीं आया है।
उन्होंने स्पष्ट किया, "इसके लिए मैं योजना आयोग की योजनाओं की आलोचना नहीं कर रहा हूं। लेकिन तथ्य यह है कि इसमें अड़चन आ रही है। हम जो सोच रहे हैं और कर रहे हैं, उससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों की स्थिति में अधिक सुधार नहीं हो रहा है। हम जो कर रहे हैं, उससे उनके जीवन में कोई सार्थक परिवर्तन नहीं आया है।"
चिदंबरम ने कहा कि प्रस्तावित वित्तीय सहायता जिला प्रशासन को सीधे मुहैया कराई जाएगी और उसे पूरी छूट रहेगी कि बेहतर परिणाम के लिए वह स्थानीय योजनाओं को अपने हिसाब से अमल में लाए।
सम्मेलन में मौजूद योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि सहायता राशि जारी करने की नई प्रक्रिया अगले एक सप्ताह में तय कर ली जाएगी और इसे मौजूदा वर्ष में लागू किया जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।