भारत-पाक के बीच गुबार हटने की जरूरत : राव
आउटलुक पत्रिका के साथ एक साक्षात्कार में राव से जब भविष्य की बातचीत पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैं मानती हूं कि गुबार हटने की जरूरत है।"
राव ने कहा कि बातचीत के प्रति भारत के वास्तविक, सावधानी से तैयार किए गए और उचित दृष्टिकोण को पाकिस्तान द्वारा हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
राव ने कहा, "इस्लामाबाद में वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक समय, पूर्व में निर्धारित चार प्रश्नों को उठाए जाने के बाद (दो भारत की ओर से और दो पाकिस्तान की ओर से), पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने और कई प्रश्नों को उठाने की अनुमति दे दी। यदि यह स्थिति न पैदा हुई होती तो शायद परिणाम अपेक्षाकृत कम विवादास्पद रहा होता।"
राव ने कहा कि पाकिस्तान के साथ शांति स्थापना का रास्ता आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा, "हम इस भ्रम में कभी नहीं रहे हैं।"
राव ने कहा, "एक गंभीर, टिकाऊ और व्यापक बातचीत सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। लेकिन यह बातचीत तभी संभव है, जब वातावारण, पाकिस्तान से हमारे खिलाफ निर्देशित आतंकवाद से मुक्त हो जाए। अन्यथा पाकिस्तान के प्रति अविश्वास और सार्वजनिक अलगाव गहरा ही होगा।"
यह याद दिलाए जाने के बाद कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद से पीड़ित है, राव ने कहा कि इससे हमारे नागरिकों और हमारी भूमि के खिलाफ पाकिस्तानी आतंकवाद के बारे में भारत की वैधानिक चिंता को दूर करने की पाकिस्तान की जिम्मेदारी समाप्त नहीं हो जाती।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।