वीजा मसले पर कनाडा ने गहरा खेद जताया : कृष्णा (राउंडअप)
बेंगलुरू/टोरंटो, 28 मई (आईएएनएस)। विदेश मंत्री एस.एम.कृष्णा ने शुक्रवार को कहा कि कनाडा ने एक बयान जारी कर अपने अधिकारी द्वारा भारतीय रक्षा एवं सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों को वीजा से इंकार करते समय व्यक्त की गई भाषा पर गहरा खेद प्रकट किया है।
कृष्णा ने कहा, "हमें कनाडा के आव्रजन मंत्री जैसन केन्नी की ओर से दिए गए एक बयान की प्रति हासिल हुई है। केन्नी ने लिखा है कि भारत के प्रति, भारतीय संस्थानों के प्रति और वहां की प्रक्रियाओं के प्रति कनाडा सर्वोच्च सम्मान रखता है।"
कृष्णा ने कहा, "उन्होंने इस बात पर गहरा खेद प्रकट किया है कि उनके अधिकारी द्वारा वीजा खारिज करते समय पत्र में जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है, वह भारतीय रक्षा एवं सुरक्षा एजेंसियों द्वारा निभाए गए वैधानिक कर्तव्यों को कलंकित करता है, वह भी उन एजेंसियों को जो कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं व कानून के तहत संचालित होती है।"
पिछले दो वर्षो के दौरान कनाडा ने कुछ वरिष्ठ सेवारत एवं सेवानिवृत्त सैन्य व खुफिया अधिकारियों को विपरीत टिप्पणियों के साथ वीजा देने से इंकार कर दिया है, जिसे लेकर भारत में काफी होहल्ला मचा है।
कृष्णा ने स्पष्ट किया, "जहां तक वीजा जारी करने का सवाल है, मैं समझता हूं कि कनाडाई सरकार अपनी प्रक्रियाओं के तहत काम करती है। इसलिए हमें उनके संविधान व आव्रजन कानूनों के अनुसार उनकी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। और हमारी उनके साथ तू-तू मैं-मैं होती है।"
कृष्णा ने कहा, "गलत धारणा वाली भाषा किसी भी तरह से कनाडा सरकार के रुख या उसकी नीति को जाहिर नहीं करती, इसलिए मैं समझता हूं कि उन्होंने जो गलती की है, उसे महसूस कर लिया है। मैं समझता हूं कि हमें इस मामले को यहीं पर समाप्त मान लेना चाहिए।"
ज्ञात हो कि पिछले सप्ताह कनाडाई उच्चायोग ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सेवानिवृत्त जवान, फतेह सिंह पंधेर को इस आधार पर वीजा देने से इंकार कर दिया था कि वह एक हिंसक बल के साथ जुड़े रहे हैं।
इसी तरह मई महीने में सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ए.एस.बाहिया को इस आधार पर वीजा से इंकार कर दिया गया था कि उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर के एक संवेदनशील इलाके में अपनी सेवाएं दी थी।
इसी तरह एक अन्य मामले में वर्ष 2008 व 2009 में दो ब्रिगेडियरों को कनाडा ने वीजा देने से इंकार कर दिया गया था।
इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के सेवानिवृत्त अधिकारी एस.एस.सिद्धू को भी 26 मार्च को वीजा से इंकार कर दिया गया था। नई दिल्ली स्थित कनाडाई उच्चायोग ने कहा था कि वह अस्वीकार्य श्रेणी के व्यक्ति हैं।
कृष्णा ने गुरुवार को भारतीय नागरिकों को वीजा से इंकार करने के मामले को अस्वीकार्य बताया था और उम्मीद जाहिर की थी कि कनाडाई प्रशासन इस मुद्दे को उचित तरीके से निपटाएगा।
कृष्णा के बयान के बाद टोरंटो में केन्नी ने गुरुवार को इस मुद्दे पर गहरा खेद व्यक्त किया था।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की प्रस्तावित कनाडा यात्रा से पहले दोनों देशों के बीच पैदा हुए विवाद को शांत करने की कोशिश करते हुए केन्नी ने कहा था लोकतांत्रिक राष्ट्र होने के कारण हमारी मित्रता कानून के शासन पर आधारित है और यह मजबूत हो रही है। हम धार्मिक, जातीय और भाषायी विविधता में विश्वास करते हैं।
उन्होंने कहा, "ऐसे समय में जब वैश्विक सुरक्षा चिंता का विषय बना हुआ है, कनाडा भारत के साथ रक्षा, सुरक्षा और आतंकवाद से निपटने के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग को महत्व देता है।"
केन्नी ने कहा कि कनाडा हर साल 1,31,000 से अधिक भारतीयों का स्थाई या अस्थाई रूप से स्वागत करता है जिसमें कई सुरक्षा बलों से जुड़े हुए होते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।