ओबामा की रक्षा नीतियों में भारत की अहम भूमिका
वाशिंगटन, 28 मई (आईएएनएस)। अमेरिक की नई राष्ट्रीय रक्षा नीति में चीन और रूस के साथ भारत की भूमिका को अहम बताते हुए राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को 21वीं सदी की सबसे अहम साझेदारी के तौर पर स्वीकार किया है।
गुरुवार को जारी किए गए अमेरिकी राष्ट्रीय रक्षा नीति के दस्तावेज में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय परिवेश में तेजी से हो रहे बदलाव से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने और सामूहिक हितों की रक्षा के लिए अमेरिका, अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों को मजबूत बनाना चाहता है।
बावन पृष्ठ के इस दस्तावेज में हिंसक कट्टरवाद, नाभिकीय हथियारों के प्रसार, आर्थिक विकास, पर्यावरण के बदलाव, युद्ध और महामारियों से निपटने की चुनौतियों को चिन्हित किया गया है।
दस्तावेज में कहा गया कि सामूहिक कार्यवाही की शुरुआत दूसरे देशों के साथ हमारे सहयोग से ही शुरू होगी इसलिए हमें इस एक-दूसरे पर निर्भर विश्व में सभी देशों से उनकी शक्तियों की वास्तविक पहचान करके उनसे सहयोग बढ़ाना होगा।
रक्षा नीति में स्वीकार किया गया कि संयुक्त राज्य अमेरिका के यूरोप, एशिया, मध्य-पूर्व और अमेरिकी महाद्वीप के कई देशों से घनिष्ठ संबंध हैं। इन देशों के साथ हमारे संबंध सामूहित हितों पर आधारित हैं। ऐसे संबंधों के जरिए ही हम अपनी सीमाओं की सुरक्षा के अलावा संपूर्ण विश्व के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं।
दस्तावेज में कहा गया, "हम प्रमुख प्रभावशाली देशों चीन, भारत, रूस के अलावा अपना प्रभाव बढ़ा रहे ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका एवं इंडोनेशिया जैसे देशों के साथ मजबूत और प्रभावी साझेदारी कर रहे हैं।"
वाशिंगटन की एक संस्था ब्रूकिंग इंस्टीट्यूट में रणनीतिक दस्तावेज को स्पष्ट करते हुए विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा, "प्रमुख देश रूस, चीन और भारत से हमारे संबंध प्रगाढ़ हो रहे हैं इससे हमें आपसी सहयोग मिल रहा है।"
भारत के साथ प्रस्तावित नीतिगत वार्ता के बारे में स्पष्ट करते हुए हिलेरी ने कहा कि यह पहली बार है जब दोनों देशों के बीच मंत्री स्तर की रणनीतिक बातचीत हो रही है, इस वार्ता में विभिन्न स्तरों की वार्ता भी शामिल है।
उन्होंने कहा, "लेकिन यह संबंध केवल उच्च अधिकारियों के पारस्परिक सहयोग तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि इन्हें उच्च शिक्षा, स्वच्छ पानी और महिला शसक्तिकरण जैसे मुद्दों पर काम करने वाले लोगों के बीच भी विस्तार देना होगा, और हम ऐसा करने जा रहे हैं।"
ओबामा के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल जेम्स एल. जोन्स ने कहा कि हमारी नीतियां रुस की तरह 21वीं सदी में प्रभाव का केंद्र बनने वाले प्रमुख देशों से अपने रिश्ते को नए सिरे से परिभाषित करने की हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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