प्योंगयांग के उकसावे पर विश्व समुदाय प्रतिक्रिया दे : क्लिंटन (लीड-1)
समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार क्लिंटन ने अपनी सियोल यात्रा के दौरान कहा कि 26 मार्च को युद्ध पोत चेओनान को नष्ट किए जाने की घटना उत्तर कोरिया की ओर से एक अस्वीकार्य उकसावा है।
दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्री यू म्यंग हान से मुलाकात के बाद क्लिंटन ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने की एक जिम्मेदारी है और ऐसा करने का उसका एक कर्तव्य भी बनता है।"
इस घटना के बाद से कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ गया है। सबूतों के बावजूद उत्तर कोरिया ने इस घटना की जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया है।
इससे पहले हिलेरी चीन के दो दिवसीय दौरे पर थीं। इस दौरान उन्होंने उत्तर कोरिया के खिलाफ संयुक्त राजनयिक कदम उठाए जाने के लिए चीनी नेतृत्व को मनाने का प्रयास किया, लेकिन ऐसा लगता है कि चीनी नेता प्योंगयांग के खिलाफ संयुक्त कूटनीतिक कार्रवाई के प्रति उदासीन हैं।
उधर, दक्षिण कोरिया ने कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यह मसला उठाने का इच्छुक है। इसके साथ ही उसने सोमवार को उत्तर कोरिया के साथ व्यापारिक रिश्तों को खत्म कर दिया। दूसरी ओर मंगलवार को उत्तर कोरिया ने भी दक्षिण कारिया के साथ सभी संबंध खत्म करने का ऐलान किया।
उत्तर कोरिया के खिलाफ संयुक्त सुरक्षा परिषद की किसी कार्रवाई की मंजूरी के लिए चीन और रूस के वोट की जरूरत पड़ेगी, लेकिन दिक्कत यह है कि दोनों देशों की उत्तर कोरिया के साथ दोस्ती है। हालांकि दोनों देशों ने अतीत में उत्तर कोरियाई परमाणु एवं प्रक्षेपास्त्र परीक्षणों के बाद उस पर थोपे गए प्रतिबंधों के पक्ष में वोट दिया था।
क्लिंटन ने अपने दौरे के दौरान राष्ट्रपति ली म्यंग बाक से भी मुलाकात की। क्लिंटन ने कहा कि अमेरिकी सरकार उत्तर कोरिया और उसके नेताओं को जवाबदेह ठहराने के लिए खुद की कार्रवाई पर विचार कर रहा है। लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वह कार्रवाई क्या होगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।