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रक्षा शोध में तेजी लाने की जरूरत : मनमोहन (लीड-1)

By Staff
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उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों में हम आगे बढ़ चुके हैं, लेकिन हमारे प्रतियोगी भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। यह एक तथ्य है कि हमारी क्षमता व जरूरतों के मुताबिक रक्षा अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में और कदम उठाने होंगे। सिंह ने ये बातें राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर कही।

उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि वे अपनी क्षमता बढ़ाएंगे और प्रौद्योगिकी के मामले में तेजी से आ रहे बदलाव से प्रेरणा लेंगे। मनमोहन सिंह ने स्वीकार किया कि रक्षा संबंधी कुछ परियोजनाओं में विलंब हुआ है और बड़ा कदम उठाने के दौरान इससे कठिनाई का सामना करना पड़ा है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि विश्व बाजार में वही कंपनियां कायम रह सकती हैं, जो स्पर्धाओं के मद्देनजर खुद को मजबूत साबित करेंगी। अगर हमारी प्रणाली सुदृढ़ रहेगी तो दुनिया हमारा सम्मान करेगी और हमारे साथ मिलकर काम करना चाहेगी। परमाणु करार के मामले में विश्व समुदाय के बीच बढ़ रही हमारी साख से हमें सीख लेनी चाहिए।

सिंह ने कहा कि वैज्ञानिकों को पिछली भूलों व नतीजों से सबक लेना चाहिए और स्पर्धा के दौर में आगे बढ़ने के लिए नई सोच विकसित करनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें गलतियों को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के प्रमुख से अपील की कि वे सैन्य बलों एवं उद्योग के साथ मिलकर काम करें।

मनमोहन सिंह ने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि डीआरडीओ सैन्य बलों व उद्योग के साथ और निकटता बढ़ाए।

प्रधानमंत्री ने पूर्व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सचिव पी. रामाराव के नेतृत्व में सरकार द्वारा गठित रक्षा समीक्षा समिति (डिफेंस रिव्यू पैनल) की उपलब्धियों पर भी चर्चा की।

उन्होंने कहा कि पैनल के कुछ सुझावों को इस महीने अमल में लाया गया है। इसके तहत डीआरडीओ का आकार घटाया गया है और रक्षा परियोजनाओं के कार्यो में तेजी लाने व निजी क्षेत्र में भागीदारी बढ़ाने के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें खुशी है कि रक्षा मंत्रालय डीआरडीओ की कार्यशैली पर दिए गए रामा राव समिति के सुझावों का अध्ययन कर रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि यदि इस ओर ध्यान दिया जाए तो सफलता न मिलने का कोई कारण नहीं बनता।

उन्होंने कहा कि हमें रक्षा प्रौद्योगिकी के अनुसंधान एवं विकास के मामले में नेतृत्व करने की क्षमता विकसित करनी चाहिए। उन्होंने अपील की कि राष्ट्रीय भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सभी लोग मिलकर बेहतर करने की सोचें और दृढ़ आत्मविश्वास के साथ काम करें।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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