सर्वोच्च न्यायालय में अफजल गुरु की ओर से कोई याचिका नहीं
अदालत के सूत्रों ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय रजिस्ट्री को केवल उसकी ओर से फरवरी 2010 में एक पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें उसकी फांसी की सजा के शीघ्र निष्पादन की अपील की गई थी।
उसके बाद अदालत की रजिस्ट्री की ओर से गुरु को सूचित किया गया था कि जेल से सर्वोच्च न्यायालय से संपर्क करने के कुछ प्रावधान हैं। अदालत ने गुरु से कहा कि उसे एक समुचित याचिका दायर करनी चाहिए और जेल अधीक्षक के जरिए सर्वोच्च न्यायालय को भेजा जाना चाहिए।
अदालत की ओर से कहा गया है कि उसके बाद से गुरु की ओर से सर्वोच्च न्यायालय को कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।
ज्ञात हो कि 40 वर्षीय गुरु को वर्ष 2001 में उच्च सुरक्षा वाले संसद भवन पर हुए हमले के एक मुख्य साजिशकर्ता के रूप में दोषी ठहराया गया है।
वर्ष 2002 में गुरु को फांसी की सजा सुनाई गई थी। एक वर्ष बाद सर्वोच्च न्यायालय ने उसकी सजा पर अपनी मुहर लगा दी। उसे 20 अक्टूबर, 2006 को फांसी दी जानी थी। लेकिन उसकी पत्नी ने राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दायर कर दी। परिणामस्वरूप गुरु की फांसी की सजा का मामला लटक गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।