सईद की रिहाई के खिलाफ याचिकाएं खारिज (लीड-1)
सर्वोच्च न्यायालय ने नजरबंदी से सईद की रिहाई के पंजाब उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पंजाब की प्रांतीय और संघीय सरकार की अपीलों को खारिज करते हुए कहा कि उसके खिलाफ अपर्याप्त साक्ष्य थे।
सईद ने फरवरी में भारत के खिलाफ जेहाद का ऐलान किया था। मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले के बाद अमेरिकी और भारतीय दबाव के चलते संयुक्त राष्ट्र ने जमात-उद दावा (जेडी) को लश्कर-ए-तैयबा का ही एक रूप बताया था। इसके बाद दिसम्बर 2008 से सईद नजरबंद है।
भारतीय संसद पर 13 दिसम्बर, 2001 को हुए हमले के लिए भारत ने आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद यह संगठन जमात-उद दावा (जेडी) के रूप में उभरा।
लाहौर उच्च न्यायालय ने जून 2009 में सईद के खिलाफ अपर्याप्त सबूत होने के चलते उसकी गिरफ्तारी से इंकार कर दिया था।
संघीय और पंजाब की प्रांतीय सरकारों ने इस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने मामले में सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए टाल दी थी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अप्रैल में थिम्पू में आयोजित दक्षेस सम्मेलन से इतर अपने पाकिस्तानी समकक्ष यूसुफ रजा गिलानी से मुलाकात के दौरान सईद के खिलाफ कार्रवाई न होने पर चिंता जताई थी। पाकिस्तान ने सईद की सजा में होने वाली कानूनी कठिनाइयों का हवाला दिया था।
भारत ने 21 अगस्त, 2009 को मुंबई आतंकवादी हमले से सईद से जुड़े होने संबंधी नई जानकारी का एक और दस्तावेज पाकिस्तान को सौंपा था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।