प्रियभांशु पर बलात्कार, आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला
कोडरमा जिले के तिलैया पुलिस स्टेशन में शनिवार को प्रियभांशु के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस के अनुसार निरुपमा की मौत में मामले में प्रियभांशु की भूमिका की जांच की जा रही है।
तिलैया पुलिस के अनुसार प्रियभांशु से पूछताछ हो सकती है और उन्हें कोडरमा बुलाया जा सकता है। पुलिस का कहना है कि यदि प्रियभांशु जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
निरुपमा दिल्ली स्थित एक समाचार पत्र में पत्रकार थीं। प्रियभांशु भी पत्रकार हैं। निरुपमा 19 अप्रैल को कोडरमा स्थित घर आई थीं और उन्हें 28 अप्रैल को दिल्ली लौटना था लेकिन उनका आरक्षित टिकट रद्द करा दिया गया और वह 29 अप्रैल को घर में मृत पाई गई।
निरुपमा के परिजनों का कहना है कि उन्होंने आत्महत्या की लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया कि उनका गला घोंटा गया था और वह 10-12 हफ्तों की गर्भवती थीं।
निरुपमा की मां को सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था लेकिन उन्हें अपनी पुत्री के अंतिम संस्कार में शरीक होने की इजाजत दी गई।
निरुपमा की मां की याचिका के आधार पर रांची की अदालत ने शुक्रवार को पुलिस को प्रियभांशु के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था। निरुपमा की मां ने प्रियभांशु पर निरूपमा के साथ शादी का वायदा कर उनका यौन शोषण करने का आरोप लगाया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार 19 से 28 अप्रैल के बीच निरुपमा ने प्रियभांशु को 33 एसएमएस भेजे थे। कथित तौर पर प्रियभांशु ने सभी एसएमएस मिटा दिए हैं।
दिल्ली में पुलिस पूछताछ के दौरान प्रियभांशु ने कहा कि उन्हें केवल एक एसएमएस मिला था। उन्होंने निरूपमा के कोडरमा जाने के बाद कथित तौर पर उनके दिल्ली स्थित कमरे से लैपटॉप और डायरियां उठा ली थीं।
निरुपमा के परिवार वालों ने स्वीकार किया कि वे निरुपमा और प्रियभांशु की शादी के खिलाफ थे। दोनों ही भारतीय जनसंचार संस्थान के पूर्व सहपाठी हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार जिन तीन चिकित्सकों ने निरुपमा के शव का पोस्टमार्टम किया था, उन्होंने उसकी मौत के समय का उल्लेख नहीं किया। इसके अलावा उन्होंने विसरा और भ्रूण का भी संरक्षण नहीं किया।
निरूपमा के पिता धर्मेद्र पाठक और भाई समरेंद्र सरकारी अधिकारी हैं और क्रमश: गोंडा और मुंबई में कार्यरत हैं। उनसे भी पूछताछ की गई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।