मनावाधिकार कार्यकर्ताओं ने किया मौत की सजा का विरोध
पीपुल्स यूनीयन फार डेमोक्रेटिक राइट (पीयूडीआर) की सचिव मौसमी बसु ने कहा, "सिद्धांत के मुताबिक हमने मौत की सजा का हमेशा से विरोध किया है। चाहे वह कसाब के लिए हो या फिर कोली के लिए। हमारी राय एक समान ही है।"
बसु ने कहा कि देश के पास किसी की जान लेने का कोई अधिकार नहीं है। कई देशों में तो मौत की सजा पर पाबंदी लगा दी गई है। मौत की सजा से किसी भी समस्या का हल नहीं निकाला जा सकता है।
मुंबई हमले के दौरान पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी कसाब को गुरुवार को मुंबई में एक विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई। अदालत ने मौत की सजा देते हुए कहा कि कसाब को जीने का कोई अधिकार नहीं है।
पीपुल्स फॉर सिविल लिबर्टीज की कविता श्रीवास्तव ने कहा कि संगठन हमेशा ही मौत की सजा के खिलाफ रहा है। कसाब का मामला भी इससे अलग नहीं है।
श्रीवास्तव ने आईएएनएस को बताया, "आजीवन करावास की सजा बहुत कठिन होती है। जघन्य अपराध करने वालों को यह सजा दी जानी चाहिए। इस मामले में भी यही किया जाना चाहिए था। हम मौत की सजा के हमेशा ही खिलाफ रहे हैं।"
उन्होंने बताया कि 130 से अधिक देशों में मौत की सजा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, तो ऐसा हमारे देश में क्यों नहीं हो रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।