अलगाववादी की मौत के बाद सोपोर में तनाव
सोपोर में तीसरे दिन भी सभी बाजार और शैक्षिक संस्थान बंद रहे और सड़कों पर वाहन नजर नहीं आए। मंगलवार सुबह कुछ युवाओं ने सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी की। हरकत-उल-मुजाहिद्दीन (एचयूएम) के डिवीजनल कमांडर बशारत सलीम के पिता ने कहा कि किसी ने सलीम के मोबाइल पर उन्हें खबर दी थी कि वह कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के नजदीक माचिल सेक्टर में सेना के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया है।
सोपोर के बाटपोरा का रहने वाला सलीम एक कंप्यूटर इंजीनिरयर था वह चार साल पहले अलगाववादी संगठन में शामिल हो गया था। शुरुआत में कहा जा रहा था एचयूएम और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के बीच आपसी संघर्ष में सलीम मारा गया था। बाद में एचयूएम के प्रवक्ता ने एक स्थानीय समाचार एजेंसी से कहा कि सेना और अलगाववादियों के बीच हुई मुठभेड़ में सलीम की मौत हुई है।
यद्यपि पुलिस ने इन दावों को खारिज किया है। उत्तरी कश्मीर के पुलिस उप महानिदेशक ए. क्यू. मनहास ने पत्रकारों से कहा, "हमें लंबे समय से बशारत सलीम की तलाश थी और उसके सिर पर 10 लाख रुपये का पुरस्कार था।", उन्होंने कहा, "यदि सुरक्षा बलों ने उसे मार गिराया है तो उनमें से किसी को इस पुरस्कार के लिए दावा करना चाहिए था।"
पुलिस
अधिकारी
ने
कहा,
"हमारे
पास
ऐसे
कोई
सबूत
नहीं
हैं
जो
सलीम
के
माचिल
मुठभेड़
में
मारे
जाने
की
पुष्टि
करें।
मुठभेड़
में
मारे
गए
तीनों
आतंकवादियों
की
तस्वीरें
भी
बताती
हैं
कि
उनमें
से
कोई
भी
सलीम
नहीं
है।"