हृषीकेश सुलभ को इंदु शर्मा कथा सम्मान
समारोह में भारत और विदेशों में रचे जा रहे साहित्य पर गंभीर चिंतन भी किया जाएगा। इंदु शर्मा मेमोरियल ट्रस्ट की स्थापना संभावनाशील कथा लेखिका एवं कवियत्री इंदु शर्मा की स्मृति में की गई थी। इंदु शर्मा का कैंसर से लड़ते हुए अल्प आयु में ही निधन हो गया था।
अब तक यह प्रतिष्ठित सम्मान चित्रा मुद्गल, संजीव, ज्ञान चतुर्वेदी, एस आर हरनोट, विभूति नारायण राय, प्रमोद कुमार तिवारी, असगर वजाहत, महुआ माजी, नासिरा शमां और भगवान दास मोरवाल को दिया गया है।
हृषीकेश सुलभ का जन्म 15 फरवरी 1955 को बिहार के छपरा में हुआ। वह विगत तीन दशकों से कथा-लेखन, नाट्य-लेखन, रंगकर्म के साथ-साथ सांस्कृतिक आन्दोलनों में सक्रिय रूप से भागीदारी रहे हैं। सुलभ के तीन कहानी संग्रह 'बंधा है काल' 'वधस्थल से छलांग' और 'पत्थरकट-एक जिल्द में तूती की आवाज' प्रकाशित हो चुके हैं।
सुलभ को अब तक कथा लेखन के लिए बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान, नाट्य लेखन और नाट्यालोचना के लिए डा. सिद्धनाथ कुमार स्मृति सम्मान, और रामवृक्ष बेनीपुरी सम्मान मिल चुके हैं।
वर्ष 2010 का पद्मानन्द साहित्य सम्मान इस बार संयुक्त रूप से महेन्द्र दवेसर दीपक को वर्ष 2009 में प्रकाशित उनके कहानी संग्रह 'अपनी अपनी आग' के लिए और कादम्बरी मेहरा को उनके कहानी संग्रह 'पथ के फूल' के लिए दिया जा रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।