राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री का जवाब निराशाजनक : भाजपा
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा, "संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद हम निराश हुए थे लेकिन प्रधानमंत्री के जवाब के बाद हमारी निराशा और बढ़ गई।"
जेटली ने कहा कि खाद्य वस्तुओं की महंगाई 20 फीसदी के आंकड़े को छू रही है लेकिन कीमतों पर काबू पाने की दिशा में प्रधानमंत्री ने किसी ठोस प्रयास का जिक्र नहीं किया। उन्होंने केवल बढ़ती महंगाई पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि नक्सली हिंसा में जबरदस्त इजाफा हुआ है लेकिन कार्रवाई योजना को लेकर सरकार का रुख स्पष्ट नहीं है।
भाजपा नेता ने कहा कि शर्म-अल-शेख के बयान के बाद पाकिस्तान के साथ बातचीत को लेकर भारत के रवैये में एकतरफा बदलाव आया है और आतंकवाद के मुद्दे पर वार्ता की दिशा भटक गई है।
पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच हुई विदेश सचिव स्तर की वार्ता का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार यह नहीं बता रही है कि उसने पाकिस्तान को बातचीत का न्योता क्यों दिया था।
जेटली ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर सरकार ने केवल अपनी नीति में ही तब्दीली नहीं की बल्कि उन्हें बदल दिया जो पुरानी नीति के साथ खड़े थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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