सज्जन की गिरफ्तारी का रास्ता साफ
इन्ही मामलों में से एक में स्थानीय अदालत ने बुधवार को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार और छह अन्य लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। इस फैसले के आने से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के लिए उनकी गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट लोकेश कुमार ने 23 फरवरी तक के लिए वारंट जारी किया है। अदालत ने सभी छह आरोपियों के रियायत संबंधी आवदेन को भी खारिज कर दिया। दिल्ली उच्च न्यायालय उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करेगा। सिख विरोधी दंगों से जुड़े दो मामलों में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कुमार और अन्य लोगों के खिलाफ पहले ही आरोप पत्र दाखिल किए थे।
लोकेश कुमार ने अदालत में सज्जन कुमार की अनुपस्थिति पर कड़ी आपत्ति जताई। लोकेश कुमार ने अपने आदेश में कहा, "सज्जन कुमार को अदालत में उपस्थित होना चाहिए था। आरोपी को अदालत में उपस्थित होने के लिए कहा गया था, लेकिन उसने इसके बदले उच्च अदालत में चुनौती देने का विकल्प चुना, लेकिन वहां उसे कोई राहत नहीं मिली। अदालत के आदेश का पालन करना उसका कर्तव्य बनता था।"
यदि उच्च न्यायालय से सज्जन कुमार को जमानत नहीं मिलती है तो सीबीआई किसी भी समय उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। अदालत ने दो टूक शब्दों में कहा, "किसी उच्च अदालत में जमानत के लिए किया गया आवेदन निचली अदालत में अनुपस्थित होने का कोई वैधानिक आधार नहीं बन सकता।"
सीबीआई के विशेष वकील आर.एस.चीमा ने सज्जन कुमार की ओर से अदालत में अनुपस्थित रहने के लिए किए गए आवेदन का विरोध करते हुए कहा, "इस तरह की अर्जी को स्वीकृति देना आरोपी को राहत देने के बराबर होगा, जिसे कि उच्च न्यायालय ने भी राहत नहीं दिया है। यदि अरोपी इस तरह से मुक्त रहा तो समाज में इसका गलत संदेश जाएगा।"