क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

ऑस्ट्रेलिया ने माना, भारतीयों पर हुए कुछ हमले 'नस्लवादी' थे (लीड-1)

By Staff
Google Oneindia News

स्मिथ ने कहा, "यदि इनमें से कोई भी हमला नस्लवादी प्रकृति का रहा है तो हमलावरों को कानून की पूरी क्षमता के साथ दंडित किया जाएगा। यह स्पष्ट भी है कि कुछ हमले नस्लवादी रहे हैं।"

स्मिथ ने कहा कि पिछले वर्ष से आस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों पर और भारतीय मूल के लोगों पर हुए हमलों का असर न केवल शैक्षिक संबंधों पर पड़ा है, बल्कि व्यापक द्विपक्षीय संबंधों पर भी।

स्मिथ ने कहा कि दोनों देशों को आपसी रिश्ते को क्रिकेट टेस्ट मैच के रूप में भी देखने की जरूरत है। रिश्तों में दोबारा गर्माहट लाने के लिए परिश्रम व समर्पण के साथ आपसी सहयोग को बढ़ावा देने की जरूरत है।

स्मिथ ने कहा, "वर्ष 2008 में मैंने भारत के प्रति ऑस्ट्रेलिया के दृष्टिकोण की तुलना ट्वेंटी/20 मैच से की थी, लेकिन अब मैं कहा रहा हूं कि हमें भारत के साथ संबंधों में टेस्ट मैच की तरह दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती भूमिका को देखते हुए दोनों देशों के बीच रणनीतिक रिश्तों की जरूरत है, जिससे भविष्य में द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढ़ाया जा सके।

स्मिथ ने कहा कि पिछले दशक के दौरान ऑस्ट्रेलिया पढ़ाई के लिए भारतीय छात्रों का एक बड़ा केंद्र बनकर उभरा। साल 2002 से नामांकन की संख्या में औसतन 40 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी देखी जा रही है। इस समय यहां करीब एक लाख 20 हजार से अधिक भारतीय छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय छात्रों पर हुए हमले अक्षम्य हैं और सरकार इसे बहुत गंभीरता से ले रही है। साथ ही इस बात का भी अहसास करने की जरूरत है कि इससे भारत और भारतीयों के बीच हमारे देश की छवि खराब हुई है।

उन्होंने कहा कि भारत और दक्षिण एशिया के अलावा अन्य देशों में भी इन हमले को बहुत गंभीरता से लिया गया है।

भारतीय छात्रों पर पिछले साल मई से हमले शुरू हुए थे, जिनमें अब तक दो छात्र अपनी जान गंवा चुके हैं।

प्रधानमंत्री केविन रुड सरकार के उठाए गए कदमों के बारे में उन्होंने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। अकेले विक्टोरिया राज्य में भारतीयों के खिलाफ अपराध के मामले में 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

दूसरी ओर विपक्ष ने इस मामले में सरकार की खिंचाई की है।

विपक्षी नेता टेड बैलीयु ने सोमवार को कहा था कि भारतीय छात्रों पर हो रहे नस्लीय हमले से निपटने में विक्टोरिया सरकार असफल रही है।

उन्होंने कहा कि कई नस्लीय हमले हो चुके हैं, लेकिन प्रधानमंत्री जॉन ब्रम्बी समस्या को हल करने में नाकामयाब रहे हैं।

ऑस्ट्रेलिया भारत व्यापार परिषद को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विक्टोरिया नस्लवादी समाज नहीं है, लेकिन कुछ लोग नस्लवादी व्यवहार करके डर और आतंक पैदा कर रहे हैं।

समाचार पत्र द एज के अनुसार, टेड ने पुलिस प्रमुख कमिश्नर सिमोन ओवरलैंड के उस बयान की भी निंदा की जिसमें उन्होंने कहा था कि विदेशी छात्र खुद को गरीब दिखाएं और हमले से बचने के लिए महंगे आईपॉड, लैपटॉप और घड़ियों को छिपाकर रखें।

उनका यह बयान भारतीय उच्चायुक्त सुजाता सिंह के उस बयान के एक दिन बाद आया जिसमें उन्होंने गवर्नर जनरल क्वेनटिन ब्राइक से कहा था कि ऑस्ट्रेलिया सरकार इस समस्या से मुंह चुरा रही है।

टेड के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ब्रम्बी के प्रवक्ता ने कहा कि उनका बयान समस्या को और बढ़ाएगा।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X