पुस्तक प्रेमियों को लुभा रहे हैं सामुदायिक पुस्तकालय
नई दिल्ली 27 जुलाई (आईएएनएस)। जो लोग सोचते हैं कि कंप्यूटर के चलन से पुस्तकों से उनका लगाव कम हो रहा है, उनके लिए सामुदायिक पुस्तकालय एक सौगात की तरह हैं। दिल्ली और आसपास के इलाकों में लोग धड़ल्ले से ऐसे ही पुस्तकालयों का रुख कर रहे हैं।
नोएडा सेक्टर-14 में रहने वाली 79 वर्षीय नीता सिन्हा इस बात को लेकर परेशान रहती थीं कि उनके दो पौत्र कंप्यूटर के चक्कर में कहीं किताबों को न भूल जाएं। उनकी इस परेशानी का हल समुदायिक केंद्र के जरिए मिला।
नीता खुद एक सामुदायिक पुस्तकालय की सदस्य हैं। उन्होंने बताया, " मैंने देखा कि पुस्तकालय जाने का असर मेरे दोनों पोतों पर भी हुआ। वे अपने दोस्तों के साथ सामुदायिक पुस्तकालय जाने लगे हैं और अब वहां पढ़ाई का भरपूर आनंद उठा रहे हैं।
दिल्ली के वसंत कुंज, आरके पुरम और नोएडा सहित कई इलाकों में बड़ी संख्या में लोग ऐसे पुस्तकालयों के सदस्य बन रहे हैं। इस तरह के ज्यादातर पुस्तकालयों में सदस्यता शुल्क नहीं लिया जाता है।
अमेरिकी सूचना संसाधन केंद्र की पूर्व निदेशक रंजना भटनागर ने आईएएनएस से कहा कि इस तरह के पुस्तकालय बच्चों और बड़ों में पढ़ाई के प्रति ललक पैदा कर सकते हैं जिससे उनमें पढ़ने की आदत सी बन जाती है।
नोएडा के सेक्टर-15 स्थित सामुदायिक पुस्कालय की सदस्य साक्षी श्रीवास्तव (16) का कहना है, "मैं इस पुस्तकालय को पसंद करती हूं क्योंकि किशोरों के लिए बहुत तरह की किताबें और उपन्यास उपलब्ध हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
**