अपनी बहनों से मिल सकेगा हेमराज?
नई दिल्ली की प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए की जा रही लड़कियों की तस्करी के खिलाफ बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) द्वारा कई महीनों तक की गई गुप्त जांच के बाद 13 जनवरी 2009 को कई जगह छापे मारे गए। इन छापों के दौरान कई प्लेसमेंट एजेंसियों से 35 लड़कियों व तीन लड़कों को बरामद किया गया।
दिल्ली महिला आयोग, सामाजिक कार्यकर्ताओं व दिल्ली पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से मारे गए छापों के दौरान कई आपत्तिजनक सामग्रियां बरामद की गईं। इनमें अश्लील सीडी, अश्लील साहित्य, गर्भ जांच के पर्चे जैसी सामग्रियां शामिल थीं। ये सामग्रियां इन प्लेसमेंट एजेंसियों के पीछे छुपे असल उद्देश्यों की ओर इशारा करती हैं।
इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि घरेलू बाल श्रम पर हाल में लगाए गए प्रतिबंध का शहर में चारों ओर खुला उल्लंघन किया जा रहा है।
छापे के दौरान बचाई गई 11 वर्षीय पूजा (नाम बदला हुआ) ने बताया कि उसे कई दिनों तक खाना नहीं दिया गया। ठंड के मौसम में उसे गरम कपड़े नहीं दिए गए, अलबत्ता काम कराया जाता रहा। यहां तक कि काम के पैसे भी नहीं दिए गए।
13 वर्षीय एक अन्य लड़की कमला (नाम बदला हुआ) को यह सपना दिखा कर नेपाल से लाया गया था कि उसे यहां पढ़ाया जाएगा। लेकिन उसे यहां एक कोठी में 12 से 14 घंटे तक काम कराया जाता था और मामूली गलतियों पर उसकी पिटाई की जाती थी।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह ने कहा कि लड़कियों को तस्करी कर लाया गया था और उनसे जबरन काम करवाया जाता था।
बच्चों के अधिकार के लिए लंबे समय से संघर्षरत कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में 2,300 अवैध प्लेसमेंट एजेंसिया चल रही हैं। ये एजेंसिया बिना अधिकारियों के साथ सांठगांठ के इतना फलफूल नहीं सकतीं। ऐसे में सरकार को इन एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
बहरहाल हेमराज की बहनें जिस प्लेसमेंट एजेंसी से लापता हुई थीं उसके मालिक अजय थापा को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब उम्मीद की जा सकती है कि हेमराज अपनी बहनों से मिल सकेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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