फीफा विश्व कप गेंदों से दक्षिण अफ्रीकी मुसलमान नाराज
जोहांसबर्ग, 14 नवंबर (आईएएनएस)। दक्षिण अफ्रीका में 2010 में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय फुटबाल महासंघ (फीफा) विश्व कप के दौरान उपयोग में लाई जाने वाली गेंदों ने स्थानीय मुसलमानों की नाराजगी बढ़ा दी है।
जोहांसबर्ग, 14 नवंबर (आईएएनएस)। दक्षिण अफ्रीका में 2010 में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय फुटबाल महासंघ (फीफा) विश्व कप के दौरान उपयोग में लाई जाने वाली गेंदों ने स्थानीय मुसलमानों की नाराजगी बढ़ा दी है।
दरअसल, जो गेंदें विश्व कप में उपयोग में लाई जानी हैं, उन पर अरबी भाषा में कुछ लिखा है, जिसे मुसलमान पवित्र मानते हैं। ऐसे में वे इस बात के लिए हरगिज तैयार नहीं होंगे कि उनकी किसी पवित्र चीज पर खिलाड़ी बूट से प्रहार करें।
फीफा ने हालांकि कहा है कि उसने ऐसी गेंदें जारी ही नहीं की हैं। स्थानीय आयोजकों का मानना है कि जो गेंदें इन दिनों बाजार में बिक्री के लिए मौजूद हैं, वे संभवत: फीफा द्वारा जारी असल गेंद की नकल मात्र हैं।
'द जमीयतुल उलेमा ऑफ साउथ अफ्रीका' ने साफ किया है कि फीफा ने जो गेंदें जारी की हैं, उन पर सऊदी अरब, ईरान और इराक के राष्ट्रीय ध्वज बने हुए हैं। इन सभी ध्वजों में अरबी में कुछ न कुछ लिखा है, जिसे मुसलमान पवित्र समझते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।